जम्मू-कश्मीर की खुफिया एजेंसियों ने अनुच्छेद 370 के हनन के 3 साल पूरे होने पर अलर्ट जारी किया था

जम्मू-कश्मीर सुरक्षा अलर्ट: केंद्र की एनडीए सरकार (NDA Government) ने तीन साल पहले 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) को निरस्त कर दिया था. सरकार ने उस वक्त इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों (Union Territories) में विभाजित कर दिया था. कल यानी 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने के तीन साल पूरे हो जाएंगे. ऐसे में आतंकवादी (Terrorists) जम्मू और पंजाब में बड़ी आतंकी कार्रवाई को अंजाम दे सकते हैं. केंद्रीय खुफिया एजेंसियों (Central Intelligence Agencies) ने इसे लेकर एक अलर्ट जारी किया है.

जिसके मुताबिक, आतंकवादी संगठन (Terrorists Group) इस दिन किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं. बता दें की पिछले तीन सालों में इस दिन कोई भी बड़ी आतंकी वारदात नहीं हुई है. जिसे लेकर आतंकी संगठन काफी दबाव में हैं. आतंकी संगठनों को जम्मू-कश्मीर और पंजाब की सीमावर्ती इलाकों में बड़ी वारदात करने को कहा गया है.

पाकिस्तान ने इस आतंकी संगठन को दी जिम्मेदारी

वहीं, पाकिस्तान (Pakistan) में बैठे हुक्मरानों ने भारत में मौजूद आतंकी संगठनों को फटकार लगाई है. एजेंसियों के मुताबिक, कुछ महीनों पहले बनाए गए आतंकवादी संगठन लश्कर-ए- खालसा (Lashkar-e-Khalsa) को भी इस दिन आतंकी वारदात को अंजाम देने की जिम्मेदारी दी गई है.

गौरतलब है कि जिस समय केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को निरस्त करने का फैसला किया उस समय पीडीपी समेत कई दलों ने इसका विरोध किया था. वहीं, दूसरी तरफ सीमा पार से आतंकी घुसपैठ का दौर जारी रहा. सेना और आतंकवादियों के बीच तब से लेकर अब तक कई मुठभेड़ की घटना हो चुकी है लेकिन घाटी में आतंकी हमलों का दौर जारी है.

धारा 370 हटने के बाद से 459 आतंकी हुए ढेर

आपको बता दें कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर के धारा 370 निरस्त करने के साथ ही वहां पर आतंकवाद का सफाया करने की बात कही थी. सरकार और केंद्रीय एजेंसियां जम्मू-कश्मीर से आंतकवाद को खत्म करने की कोशिश में लगे हुए हैं. बता दें कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 निरस्त करने के बाद से अब तक सुरक्षाकर्मियों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में 459 आतंकियों को ढेर किया जा चुका है. वहीं, इन मुठभेड़ में 128 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए, जबकि 118 नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.

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