भारत-चीन संबंध चीन का जासूस जहाज युआन वांग 5 आज श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंचेगा भारत ने आपत्ति की

चीन जासूस जहाज: भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को लेकर शुरू हुआ विवाद अभी थमा भी नहीं था कि अब ड्रैगन की एक हरकत से दोनों देशों के बीच रिश्तों में दरार और गहरी हो सकती है. भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव की नई वजह चीन का खोजी जहाज यूआन वांग 5 (Yuan Wang 5) है. दरअसल, चीन का ये जासूसी जहाज आज पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri Lanka) के हंबनटोटा बंदरगाह (Hambantota Port) पर पहुंचने वाला है.

बता दें कि इस पर भारत पहले ही ऐतराज जता चुका है. भारत ने श्रीलंका से गुजारिश की थी कि वो चीन के इस खोजी जहाज को अपने बंदरगाह पर रुकने की इजाजत ना दे लेकिन श्रीलंका ने भारत के अनुरोध को दरकिनार करते हुए चीनी जहाज को अपने अपने बंदरगाह पर रुकने की अनुमति दे दी है.

भारत ने इसलिए जताया एतराज

आपको बता दें कि भारत ने श्रीलंका से चीन के जहाज को अपने बंदरगाह पर नहीं रुकने देने का अनुरोध किया था. दरअसल, इस चीनी जहाज पर शक्तिशाली एंटीना लगे हुए हैं जो सामरिक और सैन्य ठिकानों की जासूसी करने में काफी सक्षम है. भारत को डर है की चीन अपने इस जहाज की मदद से भारत के सैन्य ठिकानों के बारे जानकारी इकट्ठा कर सकता है. जो भारत की सुरक्षा नीति के लिहाज से सुरक्षित नहीं है. फिलहाल, भारत ने हालत पर नजर बनाई हुई है.

बता दें कि पहले इस बात के कयास लगाए जा रहे थे की चीनी जासूसी जहाज 11 अगस्त को श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंचेगा. बताया जा रहा है कि यह चीनी जासूसी जहाज एक हफ्ते तक अरब सागर में रहकर जासूसी की गतिविधियों को अंजाम देगा.

चीन के दावों में दम नहीं

वहीं, दूसरी तरफ चीन कहना है कि उसका मकसद केवल समुद्री तस्‍करों से निपटना है जिसके लिए वो हिंद महासागर में अपने जहाजों को भेज रहा है. हालांकि, रक्षा विशेषज्ञ चीन की इस दावे से संतुष्ट नहीं है. उनके मुताबिक, चीन के इस दावे में जरा भी दम नहीं है. इससे पहले भी चीन इस तरह की हरकत करता आया है. चीन इस प्रकार की हरकत कर केवल पड़ोसी देशों को उकसाने का काम कर रहा है.

इसकी एक वजह ये भी है कि चीन कई अवसरों पर समुद्री इलाके में अपने स्वामित्व का दावा करता रहा है, जिसके लिए वह आए दिन इस प्रकार के सैन्य परीक्षण करता रहता है. जानकारों के अनुसार चीन की नजर हिंद महासागर में छिपे तेल और गैस जैसे प्राकृतिक संसाधनों पर भी है. जिस पर वो अपना दावा करता रहा है.

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