राम मंदिर के निर्माण में बिहार के 18 से 25% मजदूर | 18 to 25% laborers of Bihar in the construction of Ram temple
अयोध्या34 मिनट पहलेलेखक: आलोक द्विवेदी
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अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर का निर्माण 2024 में पूरा हो जाएगा। राममंदिर निर्माण में लगे मजदूरों में 18 से 25 प्रतिशत मजदूर बिहार के विभिन्न हिस्से से पहुंचे हैं। जून 2022 में मंदिर निर्माण में 12 सौ मजदूर कार्यरत थे। इसमें तीन सौ मजदूर बिहार के रहने वाले थे। वहीं अक्टूबर में लगभग साढ़े तीन सौ मजदूर मंदिर परिसर में कार्यरत है।
इसमें 76 मजदूर बिहार के रहने वाले हैं। हालांकि, मंदिर निर्माण का काम अयोध्या से लेकर राजस्थान तक हो रहा है। इसमें सबसे प्रमुख पत्थर की कटाई है।
जिसमें अलग-अलग जगहों पर इंजीनियर से लेकर तकनीकी कर्मचारी काम कर रहे हैं। जबकि, अयोध्या के राममंदिर स्थल पर प्लिंथ निर्माण के बाद सुपर स्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है। अयोध्या में रामसेवक पुरम और वंसी पहाड़ीपुर में पत्थर तराशी काम किया जा रहा है।
मंदिर निर्माण का अलग एहसास
पश्चिम चंपारण के रहने वाले अजय कुमार कहते हैं कि राम मंदिर के निर्माण में योगदान देना ऐतिहासिक है। जब तक मंदिर का वजूद रहेगा, हमारा नाम कहीं न कहीं कागजों में जिंदा रहेगा। यह अलग एहसास है। इसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।
पैसे से अधिक आस्था को महत्व
भगवान राम के मंदिर का निर्माण करने वाले कर्मचारियों का पैसे से अधिक आस्था को महत्व दे रहे हैं। मंदिर निर्माण के दौरान परिसर में प्रवेश करने से पहले वह साफ-सफाई के बाद पूजा-पाठ करते हैं। गर्भगृह और राम लला के मूर्ति स्थापना क्षेत्र में अधिकांश कार्यरत कर्मचारी जूता-चप्पल निकाल करके ही प्रवेश करते हैं।
राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण में ग्रेनाइट पत्थरों को जोड़ने के साथ ही राजस्थान के पिंक पत्थर लगाए जा रहे हैं। इसके लिए अलग-अलग शिफ्ट में ढाई सौ मजदूर काम कर रहे हैं। उनके रामसेवकपुरम, कारसेवकपुरम, रामकोट में कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था है। इसके साथ ही बजरंग दल के विनय कटियार के घर के पिछले हिस्से में मंदिर निर्माण से जुड़े लोग काम कर रहे हैं। हालाकि, मंदिर का निर्माण विशेष सुरक्षा में किया जा रहा है।
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