18 नवंबर तक जवाब देने का दिया समय; हाईकोर्ट के आदेशों की पालना में जारी किया नोटिस | Time given for reply by November 18; Notice issued in compliance of orders of High Court

जयपुर14 मिनट पहले

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नगर निगम ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर को राज्य सरकार ने आज कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। सरकार ने सौम्या को अपना जवाब पेश करने के लिए 18 नवंबर तक का समय दिया है। सरकार के इस नोटिस के बाद ये तो तय हो गया कि सरकार अब हाईकोर्ट की सिंगल बैंच के फैसले को डबल बैंच में चुनौती नहीं देगी।

स्वायत्त शासन निदेशालय (डीएलबी) की ओर से जारी नोटिस के तहत सौम्या गुर्जर को अपना पक्ष डीएलबी डायरेक्टर ह्रदेश कुमार के समक्ष पेश करना होगा। विशेषज्ञों के मुताबिक सौम्या की तरफ से अपना पक्ष रखने के बाद सरकार उसको तर्क-वितर्क के आधार पर युक्तियुक्त आदेश जारी करेगा।

आपको बता दें कि कल हाईकोर्ट के आदेश आने के बाद आज डीएलबी ने आदेशों पर विधिक राय ली गई। इस राय में ली गई। इसमें कोर्ट के आदेशों की पालना करने का सुझाव दिया गया। इसके बाद डीएलबी ने कारण बताओ नोटिस जारी करने का प्रस्ताव तैयार करके यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को भिजवाया था, जिसके बाद आज मंत्री ने प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए डीएलबी ने नोटिस जारी किया।

हाईकोर्ट ने निरस्त किया था बर्खास्तगी का आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट ने 10 नवंबर को ही सौम्या गुर्जर की ओर से जारी याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार के उस ऑर्डर को निरस्त कर दिया था, जिसमें सौम्या को मेयर और पार्षद के पद से बर्खास्त किया था। कोर्ट के इस आदेशों के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने महापौर के उपचुनाव की प्रक्रिया को रोक दिया था।

दोबारा पद से बर्खास्त भी कर सकती है सरकार

विशेषज्ञों के मुताबिक सौम्या को सरकार ने नोटिस जारी करके न्यायिक जांच के संबंध में उनका पक्ष रखने के लिए सुनवाई का मौका दिया है। विधि विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार को अगर सौम्या का स्पष्टीकरण तर्क संगत नहीं लगेगा तो सरकार उनको दोबारा पद से बर्खास्त कर सकती है। इसके साथ ही इसकी पालना रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर सकती है। इसके अलावा सरकार के पास दूसरा विकल्प मामले में आगे खींचना भी है। सरकार को अगर जवाब तर्क संगत लगेगा तो सरकार सौम्या को बरी भी कर सकती है।

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