हड्डी रोग विभाग में सिर्फ 2 डॉक्टर, बिना इलाज लौट जाते हैं कई मरीज | Only 2 doctors in orthopedics department, many patients return without treatment

भोपाल19 मिनट पहले

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दवा काउंटर और जांच के लिए रोज कतारें। - Dainik Bhaskar

दवा काउंटर और जांच के लिए रोज कतारें।

इधर जेपी अस्पताल में भी मरीजों की फजीहत हो रही है। दर्द से कराहते हुए मरीज यहां पहुंचते हैं, लेकिन उनको डॉक्टर ही नहीं मिल पाते। इंतजार के बाद डॉक्टर मिल जाएं तो जांच के लिए लंबी कतार में लगना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी दवा काउंटर पर होती है, जहां कई बार मरीज को आधा घंटे तक कतार में खड़े रहना पड़ता है।

यह परेशानी ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट के मरीजों के साथ ज्यादा हो रही है। यहां ऑर्थोपेडिक सर्जन के चार पदों में से दो खाली हैं। दो विशेषज्ञ में से भी एक को कैंसर हुआ है। वे आए दिन मेडिकल लीव पर रहते हैं। अस्पताल में एकमात्र ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. केके देवपुजारी बचते हैं। उन पर ओपीडी और सर्जरी के अलावा दूसरी प्रशासनिक जिम्मेदारियां भी हैं। इस कारण कई मरीजों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ता है।

यहां भी परेशानी…

3 फॉर्मासिस्ट कम… 11 पद फॉर्मासिस्ट के हैं, लेकिन 8 हैं ही। इनमें से दो सस्पेंड हैं। ऐसे में 4 में 2 काउंटर से दवा वितरण होता है।

ड्रेसिंग के लिए वेट… ड्रेसर के 11 पद हैं, लेकिन 8 पदस्थ हैं। इनमें से दाे दूसरे काम रहते हैं। बाकी में से एक-दो वीआईपी ड्यूटी पर होते हैं।

जांच में भी इंतजार… लैब टेक्नीशियन के 10 पद हैं। लेकिन, 7 ही तैनात हैं। ऐसे में सैंपल कलेक्शन से लेकर जांच में समय लगता है।

डॉ. श्रीवास्तव ने ज्वाइन कर लिया है। डॉ. देवपुजारी के अलावा दो पीजीएमओ आए हैं। स्टाफ की कमी दूर करने के प्रयास कर रहे हैं। -डॉ. राकेश श्रीवास्तव, सिविल सर्जन, जेपी

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