कन्नौज20 मिनट पहले
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रामसेवक की फाइल फोटो।
कन्नौज में फफूंदी नाशक दवाई से आलू की फसल खराब होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। जलालाबाद क्षेत्र के एक गांव में किसान की आलू की फसल नष्ट हुई तो बेटे ने बुजुर्ग पिता को इसकी जानकारी नहीं दी, लेकिन जब टीम जांच करने पहुंची तो पिता को फसल खराब होने की जानकारी हो गई। इसके बाद सदमें से किसान की मौत हो गई।
गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के मसीदपुरवा गांव के रहने वाले छुन्नू यादव ने अपने करीब 4 एकड़ खेत में आलू की फसल बोई थी। उन्होंने भी बुवाई से पहले आलू के बीज का फफूंदी नाशक दवाई में शोधन किया था। बुवाई के करीब 25 दिन बीतने के बाद भी न तो बीज अंकुरित हुआ और न ही उसमें जड़ें निकलीं। आलू की फसल नष्ट होने पर छुन्नू यादव परेशान हो गए, लेकिन उन्होंने इस मामले की जानकारी अपने बुजुर्ग पिता रामसेवक को नहीं दी। उधर आलू की फसलें नष्ट होने का मामला सुर्खियों में आने पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने जांच के लिए टीमों का गठन कर दिया।
छुन्नू यादव ने बताया कि एक दिन पहले जब कृषि विभाग की टीम उनके गांव आलू की फसल की जांच करने के लिए पहुंची तो उनके पिता राम सेवक को फसल नष्ट होने की जानकारी मिल गई। इससे उन्हें सदमा लग गया और तबीयत बिगड़ गई। घर वाले उन्हें डाक्टर के पास ले जाने लगे, लेकिन तब तक उन्होंने दम तोड़ दिया। फसल बर्बाद होने के सदमें में रामसेवक की मौत होने के कारण परिवार के सदस्य सदमे में हैं।