कानपुर36 मिनट पहले
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शोभायात्रा के दौरान गतका में प्रदर्शन करते सिख समाज के लोग।
कानपुर में जगतगुरू साहिब गुरू नानक देव महाराज के पावन 554वें प्रकाश पर्व के तीन दिवसीय समारोह का रविवार को विशाल नगर कीर्तन के साथ भव्य आगाज हुआ। कोविड के चलते दो साल बाद गुरु पर्व हुआ तो लोगों में जबरदस्त जोश, उत्साह और जुनून देखने को मिला। नगर कीर्तन में सिखों ने अपने करतब दिखाकर लोगों को आश्चर्य चकित कर दिया। वहीं दूसरी तरफ प्रभात फेरियों ने भी लोगों का मन मोह लिया। गुरु सिंह सभा कानपुर लाटूश रोड और सिख गुरुद्वारा कमेटियों, सिख संगठनों एवं संगत के सहयोग से आयोजन हुआ।
गुरुनानक देव के प्रकाश पर्व पर पंच प्यारे हुए शामिल।
गतका और झांकियों ने मोह लिया लोगों का मन
नगर कीर्तन में सबसे आगे निशान साहिब व खालसा जाहो जलाल का प्रतीक नगाड़ा गूंज रहा था, दशमेश शस्त्र दल के सेवादार सिख मार्शल आर्ट “गतका” का प्रदर्शन करते चल रहे थे, बैंड वादक अपने संगीत वाद्ययंत्रों पर “देह शिवा पर मोहे ए हैं…, शुभ कर्मण ते कब्बभूंह न टरों… ” को प्रस्तुत करते हुए चल रहे थे। वहीं, दूसरी तरफ गुरु नानक देव के जीवन पर आधारित झांकियों के वाहन युवा पीढ़ी को गुरु इतिहास से जोड़ने का काम कर रहे थे। एक दर्जन से अधिक शिक्षण संस्थानों के बच्चे गुरु पर्व की झांकियों सहित अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए चल रहे थे।
स्कूली बच्चे शोभायात्रा में हुए शामिल।
कीर्तनी सुनने और झांकियां देखने को उमड़ी भीड़
कानपुर की रामगढ़िया सभा, रणजीत नगाड़ा, हेमकुंट सेवा सोसाइटी, दीप सेवा दल आदि सिख संगठन सहित स्त्री सत्संग लालबंगला, स्त्री सत्संग पाण्डु नगर, स्त्री सत्संग नसीमाबाद, स्त्री सत्संग सन्त नगर, स्त्री सत्संग रंजीत नगर, स्त्री सत्संग भाई बन्नो साहिब, स्त्री सत्संग लाजपत नगर, स्त्री सत्संग रतनलाल नगर, यूथ खालसा दल लालबंगला, समेत 20 से अधिक समितियों के लोग कीर्तनी और शब्दी जत्थे “सतगुरु नानक प्रगटिया, मिटी धुंध जग चानन होआ”, “अव्वल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बंदे, एक नूर ते सब जग उपजाया कौन भले कौन मंदे”, शब्दों के साथ गुरु यश गायन करते हुए चल रहे थे। पंज प्यारे साहिबान अपनी परंपरागत वेशभूषा में सुसज्जित वाहन पर विराजमान श्री गुरू ग्रन्थ साहिब की छत्र छाया में नगर कीर्तन की अगुवाई करते हुए चल रहे थे।
लोगों ने जगह-जगह किया भव्य स्वागत
जगह जगह पर नगर कीर्तन एवं श्री गुरु ग्रंथ साहिब का स्वागत श्रद्धालुजन पुष्प वर्षा से कर रहे थे, इसी तरह प्रसाद वितरण की भी व्यवस्था पूरे नगर कीर्तन मार्ग पर संगठनों और संगत द्वारा किया गया था। नगर कीर्तन गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा लाटूश रोड से आरम्भ होकर अपने परंपरागत मार्ग बांसमंडी, डिप्टी का पडाव, जरीब चौकी, कालपी रोड, फजलगंज, गुरु तेग बहादुर मार्ग, कबाड़ी बाजार, सन्त नगर चौराहा, गुरु गोबिंद सिंह चौक, गुरूद्वारा कीर्तनगढ़, अशोक नगर, अमर जवान ज्योति चौक से होता हुआ मोतीझील पार्क में धार्मिक दीवान में परिवर्तित हो गयाा।
इन प्रमुख लोगों ने आयोजन में निभाई अहम भूमिका
श्री गुरू सिंह सभा के अध्यक्ष हरविंदर सिंह लार्ड, सुखविंदर सिंह भल्ला लाडी, मंजीत सिंह सागरी, मोहन सिंह झास, ज्ञानी मदन सिंह, सुरजीत सिंह लॉर्ड, हरमिंदर सिंह लोंगोवाल, मीतू सागरी, करमजीत सिंह, दया सिंह गांधी, सुरिंदर सिंह चावला कालू, गुरदेव सिंह सलूजा, मनमीत सिंह राजू, अजीत सिंह भाटिया, तरलोचन सिंह नारंग, जयदीप सिंह राजा, जसवंत सिंह भाटिया, राजू खंडूजा, देवेंद्रपाल सिंह अरोरा, परमजीत सिंह पम्मी, मोकम सिंह, राजेंद्र सिंह नीटा, रमिंदर सिंह रिंकू, अमनजोत सिंह, गुड्डू छतवाल, बलजीत सिंह जोहर, तरनजीत सिंह भाजपा, पुनीत चावला, तारन सिंह, सतनाम सिंह सूरी, मंगा ग्रोवर आदि नगर कीर्तन के सुचारू संचालन व व्यवस्था को दुरुस्त रखने में अहम भूमिका निभाई।
कल होंगे ये कार्यक्रम
तीन दिवसीय गुरु पर्व समारोह के दूसरे दिन कल सोमवार को जहां पंथ के महान रागी जत्थे व प्रचारक संगत को गुरुवाणी से निहाल करेगें। वहीं लंगर की सेवा भी आरंभ होगी जहां गुरु पर्व पर लाखों लोग एक पंगत एक संगत के सिद्धांत के अनुरूप लंगर छकेंगे।