दुर्ग25 मिनट पहले
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हिंसक बंदर पिंजरे के अंदर
दुर्ग जिला मुख्यालय में पिछले तीन चार दिनों से बंदरों का आतंक है। तीन बंदर इतने उत्पाती हो गए थे कि वो इंसान पर हमला करके उन्हें घायल कर रहे थे। इन बंदरों ने अब तक 10 लोगों को बुरी तरह घायल कर दिया है। बुधवार सुबह भी उड़ीसा से आई एक 55 साल की महिला के पैर को बंदर ने बुरी तरह काटा, जिससे उसे रायपुर मेकाहारा रेफर करना पड़ा। दुर्ग डीएफओ का कहना है कि तीनों बंदरों को पकड़ लिया गया है। भास्कर की टीम से विशेष बातचीत में दुर्ग डीएफओ शशि कुमार ने बताया कि शहर में तीन बंदर उत्पाती हो गए थे। वो लोगों पर हमला करने लगे थे। उन्होंने सबसे पहले सोमवार को 6 लोगों पर हमला किया। इसके बाद मंगलवार तीन और फिर बुधवार को एक महिला को इतनी बुरी तरह काटा कि उसके पैर की हड्डी दिखने लगी। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से महिला को सीधे रायपुर रेफर किया गया। घायल महिला का नाम अहिल्या कख (55 साल) निवासी राउरकेला उड़ीसा है। वह अपनी बेटी सुजाता सोनी के घर दुर्ग आई थी। सुजाता ने बताया कि उसकी मां सुबह 8 बजे पास की दुकान में दूध लेने गई थी। वहां अचानक बंदर आया और महिला के पैर को इतना बुरी तरह काटा कि महिला वहीं गिर गई। आसपास के लोगों ने किसी तरह महिला को बचाया। इसके बाद उसे जिला अस्पताल भिजवाया गया।
डीएफओ दुर्ग शशि कुमार
झुंड से अलग होने और लोगों द्वारा छेड़ने से हिंसक हुए बंदर
डीएफओ शशि कुमार ने बताया कि तीनों बंदर नर हैं। बंदरों के झुंड ने उन्हें अपने से अलग कर दिया था। इससे वह पहले से हिंसक हो गए। इसके बाद कसारीडीह क्षेत्र में कुछ लड़कों ने बंदरों को पत्थरों से मारा और काफी परेशान किया। इसके बाद वह इतने हिंसक हो गए कि लोगों पर हमला करने लगे। इसके बाद वन विभाग दुर्ग, राजनांदगांव और रायपुर से आई विशेष टीम ने तीनों बंदरों का रेस्क्यू किया। बंदरों को पकड़ने में स्नेक रेस्क्यू करने वाले राजा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
इस तरह महिला के पैर को काटकर घायल किया बंदर ने
डीएफओ ने लोगों से की अपील
डीएफओ शशि कुमार ने लोगों से अपील की है कि बंदर वन्य प्राणि है। उससे दूरी बनाकर रखें। उसे घर की बनी चीजें खिलाने की कोशिश और उससे मारने या छेड़ने का कार्य न करें। इससे बंदर हिंसक होता है और लोगों पर अटैक करने लगता है।
घायल महिला के परिजन उसके लौटने के इंतजार में
मैत्रीबाग में निगरानी में ऱखे जाएंगे तीनों बंदर
वन विभाग तीनों बंदरों को कुछ दिनों तक मैत्री बाग जू में रखेगा। यहां उनके विहैवियर की निगरानी की जाएगी। जैसे ही वह शांत हो जाएंगे उन्हें आवादी से क्षेत्र से दूर जंगल में रिलीज कर दिया जाएगा।
घायल महिला को नहीं मिला इलाज
इधर बंदर के काटने से घायल महिला के दामाद विजय सोनी का आरोप है कि उसकी मां का कहीं इलाज नहीं किया जा रहा है। जिला अस्पताल दुर्ग ले जाते ही डॉक्टर ने बिना देखे घायल को रायपुर रेफर कर दिया। यहां से एंबुलेंस ने मेकाहारा में उन्हें छोड़ा। वहां डॉक्टरों ने एक्सरे कराने के लिए कहा। एक्सरे रूम में एक भी टेक्नीशियन न होने से उन्हें कई घंटे तक इलाज नहीं मिला। वहीं डीएफओ दुर्ग का कहना है कि उन्होंने एसडीओ और रेंजर की ड्यूटी इस कार्य के लिए लगाई है। उन्हें घायलों का इलाज कराने के साथ ही उचित मुआवजा देने के निद्रेश दिए गए हैं।