वीडियो बनाकर एजेंसी को भेजा, दीपावली की सफाई में पता लगाया कहां रखी है तिजोरी | Made a video and sent it to the agency, found out where the safe is kept in the cleaning of Deepawali

जोधपुर20 मिनट पहलेलेखक: पूर्णिमा बोहरा

जोधपुर में हैंडीक्राफ्ट बिजनेसमैन के घर से 10 करोड़ चोरी का प्लान नेपाल में तैयार किया गया था। यह प्लानिंग 6 महीने से चल रही थी। इस वारदात काे अंजाम देने के लिए लक्ष्मी ने बाकी लोगों को नेपाल से बुलाया और यहां काम दिया। भास्कर ने जब इस मामले की इन्वेस्टिगेशन की तो चौंकाने वाले फैक्ट सामने आए।

सामने आया कि मंजिल के दोबारा नौकरी पर लगने और बाकी लोगों को काम दिलाना ये सब कुछ इसी प्लानिंग का हिस्सा था। यहां तक घर के वीडियो बनाकर भेजे गए और इसके बाद सारी प्लानिंग की गई।

पुलिस चोरी के मामले में दिल्ली से 3 नौकरों को गिरफ्तार कर चुकी है। 4 आरोपी अब भी पकड़ से बाहर है और यह अंदेशा जताया जा रहा है कि ये बॉर्डर पार कर नेपाल जा चुके हैं। अब ये पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है कि नेपाल से कैसे इन बदमाशों को जोधपुर लाया जाएगा।

हैंडीक्राफ्ट बिजनेसमैन के घर लक्ष्मी 2 साल से नौकर थी। जबकि मंजू, धन बहादुर और मंजिल ने 2-3 महीनों में नौकर का काम संभाला था। सब दिल्ली की एक एजेंसी के जरिए काम पर लगे थे।

हैंडीक्राफ्ट बिजनेसमैन के घर लक्ष्मी 2 साल से नौकर थी। जबकि मंजू, धन बहादुर और मंजिल ने 2-3 महीनों में नौकर का काम संभाला था। सब दिल्ली की एक एजेंसी के जरिए काम पर लगे थे।

भास्कर इन्वेस्टिगेशन में पढ़िए 10 करोड़ चोरी की कैसे रची गई साजिश…

5-6 नवंबर की आधी रात जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट बिजनेसमैन अशोक चौपड़ा के यहां 10 करोड़ की चोरी होती है। चार नौकर लक्ष्मी, मंजिल, बहादुर और मंजू अपने तीन अन्य साथियों के साथ इस वारदात को अंजाम देते हैं।

इसकी प्लानिंग नेपाल में की गई। दो साल पहले लक्ष्मी ने यहां जॉइन किया था। उसे पता था अशोक चौपड़ा शहर के करोड़पति बिजनेसमैन में से एक है। हाई सिक्योरिटी से लैस लक्ष्मी के दिमाग में छा गया था। एक साल पहले मंजिल ने यहां जॉइन किया था। इसे लक्ष्मी ही लेकर आई थी।

कुल 7 नेपाली नौकरों ने चोरी की वारदात की थी। 4 घरेलू नौकरों ने अपने 3 साथियों को नेपाल से बुलाया था। इसकी साजिश पहले से रची गई थी।

कुल 7 नेपाली नौकरों ने चोरी की वारदात की थी। 4 घरेलू नौकरों ने अपने 3 साथियों को नेपाल से बुलाया था। इसकी साजिश पहले से रची गई थी।

मंजिल ने नेपाल में बैठे सरगनाओं से बात की तो वीडियो मांगे गए। मंजिल ने अशोक के घर के वीडियो बनाकर नेपाल भेजे। दो महीने काम कर उसने पूरे घर की जानकारी जुटा ली और नेपाल लौट गया। नेपाल में उसने घर के बारे में बताया तो तय किया गया कि दीपावली से पहले घर में चोरी की वारदात को अंजाम देना है।

अगस्त में 2022 में दोबारा मंजिल नौकरी लगा इसके साथ ही मंजू और धनबहादुर भी नौकरी पर लगाए गए। मंजू को ट्रेनिंग दे कर भेजा गया। सभी ने प्लान लक्ष्मी को बताया कि इस घर में चोरी की वारदात को अंजाम देना है। तब तक उन्हें न तो तिजोरी के बारे में पता था और न ही घर के ज्यादा कीमती सामान के बारे में।

5 नवंबर की रात चोरी हुई। इसके बाद से पूरा घटनाक्रम इस प्रकार रहा।

5 नवंबर की रात चोरी हुई। इसके बाद से पूरा घटनाक्रम इस प्रकार रहा।

सितंबर में दीपावली की सफाई में पता चला घर में तिजोरी

नवरात्री के दौरान सितंबर महीने में घर में सफाई का काम चल रहा था। बताया जा रहा है कि अशोक चोपड़ा के बंगले का घर कमरा हाई सिक्योरिटी से लैस था। यानी कमरे के मालिक का फिंगर स्कैन होने के बाद ही उसके गेट खुलते थे।

दीपावली की सफाई के दौरान लक्ष्मी और मंजिल को घर में रखी तिजोरी के बारे में पता चला। उन्हें अंदाजा हो गया था कि इसमें कीमती सामाना है और चारों से इतनी बड़ी चोरी संभव नहीं है। यह जानकारी नेपाल में एजेंसी मालिक को दी गई।

सामने आया कि नेपाल में बैठे मास्टर माइंड ने ही इस चोरी का पूरा प्लान बनाया इनका साथ देने के लिए भगत और खेम बहादुर व शेर बहादुर भी नेपाल से जोधपुर आए।

चोरी से पहले बनाया प्लान, कैसे फरार होना है और कौन-कौन हाेंगे टीम में

नौकरों को पता था कि इतनी बड़ी चोरी होने के बाद पुलिस उनका पीछा नहीं छोड़ेगी। इसलिए आरोपियों ने सबकुछ पहले से तय कर रखा था कि कैसे फरार होना है और कैसे टीम बनाएंगे। टीम भी इसलिए बनाई कि पुलिस एक टीम का पीछा करेगी तब तक दूसरी टीम नेपाल फरार हो जाएगी और हुआ भी ऐसा। पुलिस लक्ष्मी का पीछा किया तब तक उन चारों की टीम ने अगल-अलग बंट कर नेपाल बॉर्डर क्रॉस कर लिया। पुलिस ने बताया कि यह भी कैलाली जिले के हैं और कैलाली नेपाल में क्राइम का गढ़ माना जाता है।

घर में कम मेंबर देखे, मंजू ने दिया था ड्रग्स
इस चोरी की वारदात में सबसे शातिर मंजू निकली, जो अशोक चोपड़ा के नाती शिवराज की केयर टेकर बनकर घर में एंट्री ली थी। उसके बॉयफ्रेंड भगत पर भी लूट के कई मामले दर्ज है। मंजू का असली नाम पूजा बताया जा रहा है जो फर्जी आईडी पर भारत में रह रही थी।

मंजू को ही ड्रग्स के अलग-अलग पैकेट दिए थे और खाने में मिलाने का बोला था। 5 नवंबर को घर में मेंबर कम थे तो मंजू ने इसी दिन वारदात का प्लान बनाया। नौकरों ने कमरों के दरवाजे ताेड़े, फिर अलमारियों के दरवाजे तोड़े फिर लॉकर के ताले तोड़े लेकिन तिजोरी नहीं टूटी।

ढाई करोड़ का माल बरामद, 7 करोड़ का माल नेपाल पहुंचने की आशंका
पुलिस के अनुसार दो से ढाई करोड़ का माल बरामद हुआ है। अंदाज लगाया जा रहा है कि 5 से 7 करोड़ का माल नेपाल पहुंच गया हैं। हालांकि पुलिस ने अब तक यह नहीं बताया कि कुल चोरी कितने की हुई हैं। डीसीपी रविदत्त गौड़ ने बताया कि अभी व्यापारी ने ऐसी कोई लिस्ट नहीं दी जिसमें कुल चोरी का पता चले।

व्यवसायी अशोक चोपड़ा ने बेशकीमती हीरे की अंगूठी पहनी थी। जिसे हाथ से निकालकर चोर फरार हो गए।

व्यवसायी अशोक चोपड़ा ने बेशकीमती हीरे की अंगूठी पहनी थी। जिसे हाथ से निकालकर चोर फरार हो गए।

इस तरह से बनाया भागने का प्लान, लेकिन पकड़े गए

मंजू, भगत, खेम बहादुर व शेर बहादुर सीधा दिल्ली पहुंचें व दो ग्रुप में बंट कर अलग-अलग बॉर्डर से नेपाल पहुंच गए। कुचामन में अमर सिंह के यहां रुकने का प्लान में शामिल था। वहां से टुकड़ों में बट गए। एक टीम कुचामन से जयपुर जाना और वहां से किस बस में दिल्ली पहुंचना यह पहले से तय था। चार लोग की टीम सीधे दिल्ली पहुंची और वहां से दो-दो में बंट कर नेपाल सीमा पार कर गई। लक्ष्मी व उसकी टीम दिल्ली के इफको चौक प्राइवेट बस से पहुंचे। पहले छतरपुर में इनके नाम का होटल भी बुक था। लेकिन लूट की वारदात की खबरों में फोटो तक आ जाने से प्लान बदल कर छतरपुर के पास सिकंदरपुर गए वहां किराए का कमरा लिया और तीनों वहीं ठहर गए। जैसे ही कमरा लेकर ठहरें पुलिस ने उन्हें वहीं दबोच लिया।

तिजोरी डिजिटल थी जिसे जोधपुर और फिर कुचामन में आरोपी तोड़ नहीं पाए।

तिजोरी डिजिटल थी जिसे जोधपुर और फिर कुचामन में आरोपी तोड़ नहीं पाए।

दिल्ली के एक कॉमन नंबर से ट्रेस हुई लक्ष्मी और उनकी टीम

नौकरों ने पहले से नई सिम ले रखी थी। घर से निकलने से पहले खुद के फोन गैस पर रख जला दिए थे। नई सिम खरीदने के बाद लक्ष्मी एक कॉमन नंबर पर एक्टिव थी। पुरानी सिम से भी इस नंबर पर दिल्ली में कई बार बात हुई थी। वारदात के बाद भी लक्ष्मी ने दिल्ली के इस नंबर पर कॉल किया तो वह ट्रेस हो गई।

पुलिस इसी नंबर के लोकेशन की मदद से दिल्ली पहुंची। यहां करीब दो लोगों को डिटेन किया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। जब इनसे लक्ष्मी का नंबर लिया लेकर ट्रेस किया तो लोकेशन पता चल गई और जोधपुर पुलिस ने लक्ष्मी और उसकी टीम को गिरफ्तार कर लिया।

इन आरोपियों में से 3 पकड़े गए हैं। चार अभी फरार हैं।

इन आरोपियों में से 3 पकड़े गए हैं। चार अभी फरार हैं।

अब पुलिस के सामने दो चुनौती

आरोपियों की गिरफ्तारी: नेपाल में पुलिस अपनी वर्दी में एंट्री नहीं कर सकतीहै। ऐसे में सादी वर्दी में नेपाल में रातानाड़ा व उदय मंदिर एसएचओ सत्यप्रकाश व लेखराज तलाशी कर रहे हैं

नेपाल से सामान की रिकवरी: तिजोरी के अलावा जो कीमती सामान थे वो नेपाल जा पहुंचा है। पुलिस को अपनी पहचान छिपानी होगी। इतना सामान राजस्थान लाना सबसे बड़ी चुनौती है।

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जोधपुर में हैंडीक्राफ्ट बिजनेसमैन के घर से 10 करोड़ के चोरी मामले में पुलिस ने दिल्ली से 3 घरेलू नौकरों को गिरफ्तार किया है। नागौर के कुचामन से एक सहयोगी पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। 5-6 नवंबर की आधी रात को परिजनों को बेहोश कर कारोबारी की कार में डिजिटल लॉकर, ज्वेलरी और कीमती सामान लेकर रात 1 बजे आरोपी कुचामन में एक साथी मंजिल के रिश्तेदार अमर सिंह के ठिकाने पर रुके थे। (पूरी खबर के लिए क्लिक करें)

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