जमशेदपुरएक घंटा पहले
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जहर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एंटी वेनम दवा बनाने के लिए सांपों के जहर का इस्तेमाल होता है।
जहर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एंटी वेनम दवा बनाने के लिए सांपों के जहर का इस्तेमाल होता है। इसे बनाने के लिए बेहद कीमती सांपों के जहर की तस्करी का अंतराष्ट्रीय रैकेट है। चीन-नेपाल के रास्ते भारत में सांपों की तस्करी हो रही है। तस्करी का रास्ता पूर्वोत्तर में नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश से बंगाल होते हुए दिल्ली और मुंबई तक पहुंचता है। टाटानगर आरपीएफ ने रविवार रात विदेशी नस्ल के 28 सांपों के साथ पकड़ी गई पुणे की महिला से पूछताछ में पता चला है कि इस रैकेट में सांपों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने वाले लोग एक-दूसरे को जानते तक नहीं।
वे केवल फोन से बात करते हैं और एक निश्चित स्थान पर दूसरे व्यक्ति को सामान सौंप देते हैं। अगला व्यक्ति उसे अगले निश्चित स्थान पर पहुंचाता है। बेहद गुप्त तरीके से यह रैकेट चलता है। इसमें महिलाओं को पैसों के लालच देकर कैरियर का काम कराया जाता है। ट्रेनों से यह तस्करी होती है।
टाटानगर आरपीएफ ने रविवार रात नीलांचल एक्सप्रेस के जनरल कोच से आरोपी महिला को सांपों के साथ गिरफ्तार किया। उसके पास से मिले विदेशी नस्ल के अलग-अलग सांप, छिपकली और मकड़ी की कीमत 50 करोड़ रुपए से अधिक की बताई जा रही है। महिला को नागालैंड के दीमापुर में सांपों का बैग दिया गया था जहां से वह हिजली पहुंची। हिजली से नीलांचल एक्सप्रेस पकड़कर दिल्ली जा रही थी।
दिल्ली में कार्तिक को देनी थी सांपों की डिलीवरी
वन विभाग ने सांपों की तस्करी में टाटानगर स्टेशन पर पकड़ी गई पुणे की 52 वर्षीय चन्द्रा देवी से सोमवार को पूछताछ की। महिला ने दैनिक भास्कर को बताया कि वह दीमापुर डाॅग की डिलेवरी देने गई थी। अंश ट्रांसपोर्टेशन एजेंसी ने उसे भेजा था। इसके बाद सांपों से भरे बैग की डिलीवरी दिल्ली में कार्तिक नाम के युवक को करनी थी। इसके लिए आठ हजार रुपए मिलने थे। उसे कार्तिक का सिर्फ फोन नंबर मिला था।
“वन विभाग वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई कर रहा है। आरंभिक जांच में मामला अंतराष्ट्रीय तस्कर गैंग से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। जब्त सांप में कई विदेशी नस्ल के हैं, जो देश में नहीं पाए जाते। कुछ भारतीय सांप भी हैं। एंटी वेनम दवा मंें इनके जहर का इस्तेमाल होता है। “
– दिग्विजय सिंह, रेंजर, दलमा वन अभ्यारण्य