
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक मानव पैपिलोमावायरस (एचपीवी) टीकाकरण शुरू करने पर निर्णय नहीं लिया है। मंत्रालय ने कहा कि वह देश में सर्वाइकल कैंसर के मामलों की बारीकी से निगरानी कर रहा है और इस संबंध में राज्यों और विभिन्न स्वास्थ्य विभागों के साथ नियमित संपर्क में है।
मंत्रालय ने मीडिया रिपोर्टों का खंडन करते हुए दावा किया कि वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 9-14 वर्ष आयु वर्ग की लड़कियों के लिए एचपीवी टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा, मंत्रालय ने कहा कि ऐसी खबरें झूठी और अटकलें हैं।
सर्वाइकल कैंसर की सभी घटनाओं में से लगभग एक चौथाई भारत में होती हैं और वैश्विक सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों में लगभग एक तिहाई मौतें होती हैं। भारतीय महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होने का जीवनकाल में 1.6 प्रतिशत संचयी जोखिम और सर्वाइकल कैंसर से 1 प्रतिशत संचयी मृत्यु जोखिम का सामना करना पड़ता है। कुछ अनुमानों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 80,000 महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होता है और 35,000 महिलाओं की इसके कारण मृत्यु हो जाती है।
भारत में किए गए अध्ययनों से संकेत मिला है कि एचपीवी वैक्सीन की एक खुराक की प्रभावकारिता 95 प्रतिशत से अधिक है। WHO ने अब सिफारिश की है कि 9 से 14 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन की एक खुराक भी प्रभावी है। 2021 तक, वैश्विक एचपीवी टीकाकरण कवरेज मात्र 13 प्रतिशत था।
सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ सीरम इंस्टीट्यूट का भारत में निर्मित टीका, CERVAVAC, जनवरी 2023 में लॉन्च किया गया था। यह टीका दो खुराक के लिए 2000 रुपये में उपलब्ध है, जो आयातित टीकों की तुलना में अभी भी अधिक किफायती है।