Thursday, August 18, 2022

अमरेली : राजुला पंथक में बरसात का मौसम, धतरवाड़ी-1 बांध ओवरफ्लो | अमरेली : राजुला पंथक में बरसात का कहर, धातरवाड़ी 1 बांध ओवरफ्लो

बांध के जलग्रहण क्षेत्र में आने वाले धारेश्वर, (धारेश्वर), ज़ापोदर, मंडेरडी, भाक्षी जैसे गांवों को अलर्ट कर दिया गया है.इसके अलावा नदी से नजदीक होने के कारण राजुला कस्बे को भी अलर्ट कर दिया गया है.

अमरेली : राजुला पंथक में बरसात का कहर, धातरवाड़ी-1 बांध ओवरफ्लो

अमरेली : धातरवाड़ी बांध-1 के निचले गांवों में ओवरफ्लो होने का अलर्ट

अमरेली (Amreli) जिले के राजुला पंथक में स्थित धात्रवाड़ी-1 दामो (Dhatarvadi dam-1) अतिप्रवाह है। बारिश के कारण पानी की आवक के कारण बांध 90 प्रतिशत भरा हुआ था और आज बांध से 100 प्रतिशत पानी भर जाने पर बांध से पानी छोड़ा गया. बांध के जलग्रहण क्षेत्र में आने वाले धारेश्वर,(Dhareshwar) जापोदर, मंदरडी, भाक्षी जैसे गांवों को अलर्ट कर दिया गया है, इसके अलावा राजुला शहर भी नदी से निकटता के कारण अलर्ट पर है और प्रशासन ने सभी ग्रामीणों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है. राजुला का धातरवाड़ी 2 बांध भी भारी बारिश और अपस्ट्रीम जलभराव के कारण ओवरफ्लो होने की संभावना है, सिस्टम ने व्यक्त किया है।

वाडिया गांव का सर्वो बांध भी उफान पर

अमरेली में (Amreli) पिछले कुछ दिनों से बारिश थम गई थी, लेकिन पिछले एक सप्ताह से हो रही बारिश के कारण वाडिया गांव का सुरवो बांध फिर से भर गया है. तब रेडियो संचालक ने स्थानीय लोगों को नदी तल पर न जाने की चेतावनी दी है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को भी चेतावनी दी गई है। गौरतलब है कि अमरेली के ग्रामीण इलाकों में काफी समय से भारी बारिश हो रही है. अमरेली और आसपास के ग्रामीण इलाकों में इस साल श्रीकर बारिश हुई है। अमरेली जिले के वाडिया गांव में इस बार अच्छी बारिश के कारण जिले की विभिन्न नदियों और बांधों में नया नीर आ गया है और सरवो बांध में लगातार नए नीर के प्रवाह से बांध 80 प्रतिशत भरा हुआ है. लगातार हो रहे जलभराव से किसानों को सिंचाई के पानी की राहत मिली है.

जूनागढ़ के घेड पंथक में पानी भर गया है

जनागढ़ समेत पूरे संभाग में लगातार 2 दिनों से बारिश हो रही है. इससे ओजत नदी और भादर नदी उफान पर आ गई है। इन नदियों में अचानक आई बाढ़ की स्थिति के कारण बाढ़ का पानी घेड पंथक के गांवों में घुस गया है, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है. लोगों के घरों में भी पानी भर गया है। जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और लोगों को बार-बार परेशानी का सामना करना पड़ा है। घेड पंथक एक निचला क्षेत्र है, यहां ओजत, भादर और उबेर सहित तीनों नदियों का पानी घेड पंथक में बहता है, जिससे हर साल घेड में भयंकर बाढ़ आती है। इसको लेकर किसानों ने व्यवस्था को कई बार अभ्यावेदन दिया है। जिसमें कई बार नदियों को गहरा करने और नदियों में अधिक ऊंचाई पर तटबंध बनाने की मांग की जाती रही है, लेकिन व्यवस्था की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है और हर साल मानसून के दौरान बाढ़ का पानी गांव और खेतों में लौट आता है.