Sunday, August 21, 2022

गांव से बाहर जाने वाले सभी सड़कें तीन दिनों से बंद, गांव के 100 से ज्यादा घर पानी में डूबे | Bhatwar village of Banaskantha in the grip of flood, more than 100 villages submerge

बनासकांठा17 मिनट पहले

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गांवों को जोड़ने वाली सड़कों पर कमर तक पानी भरा हुआ है। - Dainik Bhaskar

गांवों को जोड़ने वाली सड़कों पर कमर तक पानी भरा हुआ है।

गुजरात के बनासकांठा में पिछले तीन दिनों से जारी मूसलाधार बारिश से बाढ़ के हालात बन गए हैं। वहीं, वाव तहसील के भटवार गांव की हालत दयनीय हो चुकी है। पूरा गांव तालाब में तब्दील हो गया है। गांव में ऐसा कोई मकान नहीं, जहां पानी न भरा हो। हालांकि, अब यहां बारिश थम गई है, लेकिन पानी निकासी न होने के चलते गांव के 100 से ज्यादा घर अभी भी पानी में डूबे हुए हैं। गांवों को जोड़ने वाली सड़कों पर कमर तक पानी भरा हुआ है, जिससे गांव वाले कहीं आ जा नहीं सकते। इसके चलते गांववालों के लिए भूखों मरने की नौबत आ चुकी है।

भचली और मडका जैसे गांवों की ओवरफ्लो हो चुकी झीलों का पानी गांव में घुसा।

भचली और मडका जैसे गांवों की ओवरफ्लो हो चुकी झीलों का पानी गांव में घुसा।

ग्रामीणों को 2017 की तबाही याद आई
भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित बनासकांठा जिला एक तरफ कच्छ के रेगिस्तान और दूसरी तरफ राजस्थान के रेगिस्तान से घिरा हुआ है। वाव, थरद और सुइगाम जैसे क्षेत्रों में गर्मियों में पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है। फिलहाल लोग मानसून से परेशान हैं। 2015 और 2017 में आई बाढ़ ने इन इलाकों में भयानक तबाही मचा दी थी। कुछ ऐसा ही हाल इस साल भी नजर आ रहा है।

पानी निकासी न होने के चलते 100 से ज्यादा घर पानी में डूबे हुए हैं।

पानी निकासी न होने के चलते 100 से ज्यादा घर पानी में डूबे हुए हैं।

गांव से बाहर जाने वाली सभी सड़कें बंद
भटवार गांव की 80 से 90 फीसदी जमीन तालाब में तब्दील हो चुकी है। गांव से दड़वा जाने वाली सड़क पूरी तरह से बंद है। भचली और मडका जैसे गांवों की ओवरफ्लो हो चुकी झीलों का पानी भटवार गांव में घुस गया है। पानी की निकासी नहीं हो रही है। घरों में जलजमाव सबसे बड़ी समस्या है, जिसके चलते गांव वालों के लिए खाना पकाना तक मुश्किल हो रहा है। गांव के सरपंच राणाभाई गोहिल ने प्रशासन से गांववालों की मदद की गुहार लगाई गई है।

2015 और 2017 में आई बाढ़ ने इन इलाकों में भयानक तबाही मचा दी थी।

2015 और 2017 में आई बाढ़ ने इन इलाकों में भयानक तबाही मचा दी थी।

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