मनपा के विभागों में 800 कंप्यूटर कम, जो हैं उनमें से भी 50 फीसदी धीमे | 800 computers are less in the departments of Municipal Corporation, 50 percent of those that are there are slow

सूरत33 मिनट पहले

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मनपा में 2200 कंप्यूटर, इनमें 1100 ही ठीक से काम कर रहे। - Dainik Bhaskar

मनपा में 2200 कंप्यूटर, इनमें 1100 ही ठीक से काम कर रहे।

सूरत देश की बेस्ट स्मार्ट सिटी में शुमार है, लेकिन इसका काम अभी स्मार्ट नहीं हो पाया है। सूरत महानगर पालिका अब 100 प्रतिशत डिजिटल होने की तैयारी कर रही है। अभी मनपा के पास पर्याप्त कंप्यूटर तक नहीं हैं। जो हैं उनमें से भी 50 फीसदी कंप्यूटर ठीक से काम ही नहीं करते। अभी मनपा के 9 जोन कार्यालय, आईएसडी, ऑडिट, अकाउंट समेत विभिन्न विभागों में 2200 कंप्यूटर हैं, इनमें से लगभग 1100 ठीक से काम करते हैं।

मनपा के अधिकतर कंप्यूटरों में आई-3 प्रोसेसर हैं, जबकि वर्तमान के अनुसार कम से कम आई-7 प्रोसेसर होने चाहिए। इससे 1 घंटे के काम के लिए दो घंटे लगते हैं। इससे कर्मचारियों के साथ जनता का भी समय बर्बाद होता है। वर्तमान में मनपा के विभिन्न विभागों में कम से कम 800 कम्प्यूटरों की कमी है।

मनपा पेपरलेस बनने की दिशा में अग्रसर है, लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी कंप्यूटर की ही कमी है। पिछले 3-4 साल से कंप्यूटर की खरीदी ही नहीं की गई है। अधिकतर कंप्यूटर धीमी गति से चलते हैं, जिससे तेज काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है। मनपा के एक विभाग में कर्मचारियों के आर्थिक सहयोग से कम्प्यूटर के पार्ट्स मंगाए गए।

कोविड के कारण कंप्यूटर पर खर्च नहीं करने को कहा गया था

आईएसडी विभाग के अधिकारियों की मानें तो कोविड के कारण खर्च पर रोक लगा दी गई थी। इस वजह से 2020 से अब तक कम्प्यूटर नहीं खरीदे गए। हालांकि कोविड के कार्य के लिए आवश्यक कम्प्यूटर खरीदे गए थे, लेकिन कोविड में अन्य काम के लिए कम्प्यूटर खरीदने जैसे कार्य पर ब्रेक लगा दी गई थी। आईएसडी का वर्ष 2022-23 का 8 करोड़ का बजट है। जानकारों का कहना है कि तकनीक का दौर चल रहा है, मनपा को हाईटेक होना चाहिए। इसके लिए अधिक रुपए की आवश्यकता हो सकती है।

प्रोसेसर पुराने, इसलिए कर्मियों को काम करने में ज्यादा परेशानी

मनपा में अधिकतर कंम्प्यूटर में आई-3 प्रोसेसर लगे हैं, जो काफी पुराने हो चुके हैं। वर्तमान में आई-7 प्रोसेसर चल रही है। इस कारण कम्प्यूटर हैंग होना, सॉफ्टवेर को सपोर्ट नहीं करने जैसी समस्या रहती है। इससे जो काम एक घंटे में होना चाहिए उसमें 2 से 3 घंटे लग रहे हैं। जो कम्प्यूटर अच्छे से वर्क कर रहे हैं, वह भी आगामी 2 साल तक ही चल पाएंगे। जितने की डिमांड की जाती है, उसमें से 30-40% दिए जाते हैं।

ऑडिट विभाग में कोई समस्या नहीं

चीफ ऑडिटर स्मिथ सेठ ने बताया कि ऑडिट विभाग में 42 कंप्यूटर हैं और सभी अच्छे से चल रहे हैं। डिपार्टमेंट में एक भी कम्प्यूटर की डिमांड नहीं है।

स्थायी समिति ने सभी विभागों को ऑनलाइन काम करने को कहा है

मनपा की स्थायी समिति ने सभी विभागों को ऑनलाइन करने की घोषणा की है। वर्तमान में मैनुअल के साथ डिजिटल सिस्टम भी चल रहा है। अगले छह महीने तक कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उसके बाद 1 जनवरी 2023 से विभाग 100% डिजिटल हो जाएंगे।

अलग-अलग विभागों में कंप्यूटर के साथ 480 प्रिंटर की भी कमी

मनपा के अलग-अलग विभाग में कम्प्यूटर के साथ-साथ प्रिंटर की भी भारी कमी है। वर्तमान में अलग-अलग विभाग और जोन में 1300 प्रिंटर हैं। अभी 480 प्रिंटर की कमी है। प्रिंटर की कमी भी कार्य में बाधा खड़ी कर रही है। मनपा के एक अहम विभाग में कंप्यूटर की कमी और उनके सही ढंग से कार्य नहीं करने के कारण स्टाफ अपने तरीके से किसी तरह से मैनेज कर काम चला रहा हैं। क्योंकि उच्च अधिकारियों को समय पर काम चाहिए होता है, लेकिन समस्याओं से उनका कोई लेना-देना नहीं है।

समस्या: जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, विभिन्न रिपोर्ट, वेरा के काम में देरी

कंप्यूटरों के ठीक से काम नहीं करने से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, विभिन्न विभागों की रिपोर्ट, वेरा आदि के काम में देरी होती है। अधिकारियों की मानें तो किसी काम में दो से चार गुना समय लग जाता है। अधिकतर कार्य कंप्यूटराइज्ज हो चुके हैं।

डिमांड को पूरा करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही कंप्यूटर की कमी को दूर कर दी जाएगी। विभागों में अभी 800 कंप्यूटर की डिमांड है। एनवी उपाध्याय, डिप्टी कमिश्नर

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