लोहारा ईस्ट कोल ब्लॉक: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को कहा कि कोयला घोटाला देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक है. इस घोटाले का असर यह है कि कंपनियां कोयला खदानों की खदान के लिए आगे नहीं आ रही हैं. सीबीआई ने आगे बताया कि देश में पर्याप्त कोयला है, मगर कोयला उपलब्ध होने के बावजूद हम कोयला नहीं निकाल पा रहे हैं. इसका नतीजा ये है कि देश में कोयले की कमी है. इस वजह से भारत के बाहर इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों से कोयला आयात करने के लिए मजबूर हैं.
कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितता
सीबीआई की ये दलीलें महाराष्ट्र में ‘लोहारा ईस्ट कोल ब्लॉक’ के आवंटन से जुड़े एक मामले में सजा देने के बहस के दौरान आई हैं. कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व कोयला सेक्रेटरी एचसी गुप्ता, पूर्व ज्वाइंट सेक्रेटरी, केएस क्रोफा, नागपुर स्थित कंपनी ‘ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड’ और उसके निदेशक मुकेश गुप्ता को महाराष्ट्र में एक कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितता पाए जाने के बाद दोषी ठहराया. सीबीआई के उप कानूनी सलाहकार संजय कुमार ने कोर्ट से अनुरोध किया कि एचसी गुप्ता, केएस क्रोफा और मुकेश गुप्ता को सात साल कैद की सजा दी जाए. इसका साथ ही उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि इस तरह की दी गई सजा को लगातार चलाने का आदेश दिया जाए.
8 अगस्त को सुनाई जाएगी सजा
सीबीआई ने कोर्ट में दलीलों के दौरान कहा कि कोयला घओटाले से सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. वहीं कैग रिपोर्ट और इस कोयले घोटाले के कारण सुप्रीम कोर्ट को देश में 214 कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद्द करना पड़ा था. विशेष जज अरुण भारद्वाज की कोर्ट ने एचसी गुप्ता और अन्य को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया. वहीं कोर्ट ने सभी दोषियों को सजा सुनाने के लिए 8 अगस्त की तारीख तय की है.