स्वामी जितेंद्रानंद बोले- दिल्ली के इलीट वर्ग की मानसिकता कुत्सित | Sant Samaj angry with JNU Vice Chancellor and Nitish Kumar, Swami Jitendranand said in Varanasi - the mentality of Delhi's elite class is sickening; Follow the limits of religion field leader

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वाराणसी41 मिनट पहले

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती।

हिंदू देवी-देवताओं की जाति संबंधी जेएनयू की कुलपति के बयान और गया के विष्णुपद मंदिर में मुस्लिम मंत्री के साथ बिहार के मुख्यमंत्री के दर्शन-पूजन पर अखिल भारतीय संत समिति ने गहरी नाराजगी जताई है। वाराणसी में मंगलवार को समिति के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन हिंदू धर्म का अनादर संत समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। जरूरत पड़ेगी तो सनातन हिंदू धर्म की रक्षा के लिए संत समाज सड़क पर उतरेगा।

हिंदू देवताओं के बारे में तथाकथित बुद्धिजीवी बयान ना दें

जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलीपड़ी पंडित ने सोमवार को कहा था कि हिंदू देवता किसी ऊंची जाति से नहीं आते हैं। भगवान शिव भी शूद्र हैं, क्योंकि वे श्मशान में बैठते हैं। इसे लेकर स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि जेएनयू की कुलपति ने जिस प्रकार हिंदू देवी-देवताओं को जाति, वर्ण और भाषा में बांटने का प्रयास किया है, यह दिल्ली के इलीट वर्ग की एक कुत्सित मानसिकता है।

अखिल भारतीय संत समिति इसकी घोर निंदा करती है। ऐसे तथाकथित बुद्धिजीवियों से हमारा यही कहना है कि ऐसे बहुत सारे क्षेत्र हैं जहां आप अपने दांव आजमाएं। सनातन हिंदू धर्म के देवी-देवता और महापुरुष भले ही किसी भी धर्म और वर्ण में पैदा हुए हों, लेकिन वह इन सब चीजों से परे हैं।

हम ना भगवान राम को किसी जाति के दायरे में बांध सकते हैं और ना भगवान परशुराम या भगवान कृष्ण को किसी जाति के दायरे में ले सकते हैं। इसलिए हिंदू देवी-देवताओं के बारे में तथाकथित बुद्धिजीवी कोई बयानबाजी ना करें, यही बेहतर होगा।

पाप की तरफ कदम बढ़ने पर विनाश सुनिश्चित

बिहार स्थित गया के विख्यात विष्णुपद मंदिर में लगे बोर्ड पर लिखा है कि यहां गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। इसके बावजूद सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्री इसराइल मंसूरी के साथ जाकर वहां पूजा की। इसे लेकर अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने गहरी नाराजगी जताई है।

उन्होंने कहा है कि कल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस तरह का कृत्य किया है, उसे संत समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा। हम उस मुस्लिम मंत्री से अपेक्षा करते हैं कि वह नीतीश कुमार को हज यात्रा करवाएं। साथ ही, जहां गैर मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है वहां भी वह नीतीश कुमार को लेकर जाएं और अपनी हैसियत बताएं।

मैं नीतीश कुमार से इतना ही कहूंगा कि राजनीति की अपनी एक मर्यादा है। जब मर्यादा का उल्लंघन करके धर्म के क्षेत्र में पाप की तरफ कदम बढ़ने लगे तो ऐसे व्यक्ति का विनाश भी सुनिश्चित हो जाता है। इसलिए धर्म क्षेत्र की मर्यादाओं का पालन हर नेता को करना ही चाहिए।

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