मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर डिवाइडर से टकराई मर्सिडीज, कार चला रही महिला डॉक्टर घायल | Cyrus Mistry Death; Former Tata Group Chairman Passes Away In Palghar | Mumbai News

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मुंबई9 मिनट पहले

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का सड़क दुर्घटना में निधन हो गया है। मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर मुंबई से सटे पालघर में यह हादसा हुआ। वे गुजरात के उदवाड़ा में बने पारसी मंदिर से लौट रहे थे। पुलिस के मुताबिक, 54 साल के मिस्त्री की मर्सिडीज कार कासा के पास चरोटी गांव में सूर्या नदी के पुल पर रोड डिवाइडर से टकराई थी। टक्कर के बाद मर्सिडीज के एयरबैग भी खुले, लेकिन मिस्त्री समेत दो लोगों की मौत हो गई। कार में कुल चार लोग सवार थे।

मर्सिडीज बैंज के एक्सीडेंट के बाद साइरस मिस्त्री (दाएं) और कार चलाने वाली डॉक्टर अनायता पंडोले (बाएं)।

मर्सिडीज बैंज के एक्सीडेंट के बाद साइरस मिस्त्री (दाएं) और कार चलाने वाली डॉक्टर अनायता पंडोले (बाएं)।

शुरुआती जानकारी के मुताबिक मर्सिडीज के ड्राइवर ने कार से कंट्रोल खो दिया था। इसके बाद वह रोड डिवाइडर से टकरा गई। पुलिस ने मर्सिडीज कार में सवार लोगों की डीटेल जारी की है। एक्सीडेंट में साइरस मिस्त्री के साथ जहांगीर दिनशा पंडोले की भी जान चली गई है। वहीं, अनायता पंडोले (महिला) और उनके पति दरीयस पंडोले घायल हुए हैं। अनायता मुंबई में डॉक्टर हैं और कार वही ड्राइव कर रही थीं। उनके पति दरीयस मंडोल JM फाइनेंशियल के CEO हैं। जहांगीर पंडोले, दरीयस के पिता थे।

मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर दोपहर साढ़े तीन बजे हुआ हादसा
पालघर के SP बालासाहेब पाटिल ने बताया- मिस्त्री जिस कार में सवार थे, उसका नंबर MH-47-AB-6705 है। एक्सीडेंट दोपहर करीब साढ़े तीन बजे अहमदाबाद से मुंबई के रास्ते में सूर्या नदी के पुल पर हुआ। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि बाकी दो लोग घायल हो गए। महाराष्ट्र के डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

साइरस मिस्त्री और टाटा ग्रुप से उनके कनेक्शन के बारे में जानने से पहले हादसे से जुड़ी 5 तस्वीरें देखिए…

हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और उन्होंने ही कार में सवार चारों लोगों को निकाला।

हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और उन्होंने ही कार में सवार चारों लोगों को निकाला।

यह फोटो भी एक्सीडेंट के बाद की है। इसमें लोग कार की पिछली सीट से एक व्यक्ति को निकाल रहे हैं।

यह फोटो भी एक्सीडेंट के बाद की है। इसमें लोग कार की पिछली सीट से एक व्यक्ति को निकाल रहे हैं।

हादसे में साइरस मिस्त्री की मर्सिडीज बेंज GLC 220 कार का अगला हिस्सा पूरी तरह तबाह हो गया।

हादसे में साइरस मिस्त्री की मर्सिडीज बेंज GLC 220 कार का अगला हिस्सा पूरी तरह तबाह हो गया।

साइरस मिस्त्री की कार मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर सूर्या नदी के पुल पर इसी जगह डिवाइडर से टकराई थी।

साइरस मिस्त्री की कार मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर सूर्या नदी के पुल पर इसी जगह डिवाइडर से टकराई थी।

मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर एक्सीडेंट के बाद रेस्क्यू टीम पहुंची, उसने मिस्त्री की कार को हाईवे से हटाया।

मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर एक्सीडेंट के बाद रेस्क्यू टीम पहुंची, उसने मिस्त्री की कार को हाईवे से हटाया।

इसी साल जून में पिता का निधन हुआ था
इसी साल 28 जून को साइरस के पिता और बिजनेस टाइकून पालोनजी मिस्त्री (93) का निधन हुआ था। साइरस और उनके पिता के निधन के बाद उनके परिवार में उनकी मां पाट्सी पेरिन डुबास, शापूर मिस्त्री के अलावा दो बहनें लैला मिस्त्री और अलू मिस्त्री रह गई हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया
साइरस मिस्त्री के निधन पर PM मोदी ने संवेदना व्यक्त की है। PM मोदी ने ट्वीट किया- साइरस मिस्त्री का असामयिक निधन स्तब्ध करने वाला है। वे भारत की आर्थिक शक्ति में विश्वास करते थे। उनका निधन उद्योग जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके परिवार और मित्रों के लिए संवेदनाएं। उनकी आत्मा को शांति मिले।

शिंदे, गडकरी और गोयनका ने दी श्रद्धांजलि
साइरस मिस्त्री के निधन पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत कई लोगों ने श्रद्धांजलि दी है। गडकरी ने लिखा- महाराष्ट्र के पालघर के पास एक सड़क दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री जी के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ। उनके परिवार के सदस्यों के प्रति हार्दिक संवेदना। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। ओम शांति।

NCP की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा- दिल दहला देने वाली खबर। मेरे भाई साइरस मिस्त्री का निधन हो गया। विश्वास नहीं हो रहा है। रेस्ट इन पीस साइरस।” वहीं, आरपीजी एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष हर्ष गोयनका ने भी मिस्त्री के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा.. एक दुर्घटना में साइरस मिस्त्री के निधन की चौंकाने वाली खबर के बारे में सुना। वह मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे। उन्होंने शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यह फोटो उस समय ली गई थी, जब साइरस मिस्त्री टाटा ग्रुप के सबसे युवा चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

यह फोटो उस समय ली गई थी, जब साइरस मिस्त्री टाटा ग्रुप के सबसे युवा चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

लंदन से की इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई
साइरस पालोनजी मिस्त्री का जन्म 4 जुलाई 1968 को हुआ था। वो शापूरजी पालोनजी ग्रुप के प्रमुख पालोनजी मिस्त्री के छोटे बेटे थे। साइरस ने मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की। इसके बाद वे सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए। उनके पास लंदन बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री भी थी।

साइरस ने 1991 में अपना फैमिली बिजनेस जॉइन किया था। उन्हें 1994 में शापूरजी पालोनजी ग्रुप का डायरेक्टर नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में कंपनी ने भारत का सबसे ऊंचा रेसिडेंशियल टावर, सबसे लंबा रेलवे पुल और सबसे बड़े पोर्ट का निर्माण किया। पालोनजी ग्रुप का कारोबार कपड़े से लेकर रियल एस्टेट, हॉस्पिटेलिटी और बिजनेस ऑटोमेशन तक फैला हुआ है।

टाटा ग्रुप के छठे ग्रुप चेयरमैन थे साइरस मिस्त्री
दिसंबर 2012 को रतन टाटा ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद से रिटायरमेंट ले लिया था। उसके बाद साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स का चेयरमैन बनाया गया। टाटा के 150 साल से भी ज्यादा समय के इतिहास में साइरस मिस्त्री छठे ग्रुप चेयरमैन थे। वे टाटा सन्स के सबसे युवा चेयरमैन भी थे।

मिस्त्री परिवार की टाटा सन्स में 18% हिस्सेदारी
साइरस के पिता पालोनजी मिस्त्री 2006 में टाटा ग्रुप के बोर्ड से रिटायर हुए थे, जिसके बाद साइरस मिस्त्री ने उनकी जगह ली थी। पालोनजी मिस्त्री टाटा ग्रुप के सबसे बड़े शेयर होल्डर थे। अब भी मिस्त्री परिवार की टाटा सन्स में 18.4% की हिस्सेदारी है। वे टाटा ट्रस्ट के बाद टाटा सन्स में दूसरे बड़े शेयर होल्डर्स हैं।

24 अक्टूबर 2016 को पद से हटाए गए थे
हालांकि चार साल के अंदर ही 24 अक्टूबर 2016 को टाटा सन्स ने उन्हें चेयरमैन पद से हटा दिया था। उनकी जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया था। इसके बाद 12 जनवरी 2017 को एन चंद्रशेखरन टाटा सन्स के चेयरमैन बनाए गए थे। इस विवाद को लेकर टाटा सन्स का कहना था कि मिस्त्री के कामकाज का तरीका टाटा सन्स के काम करने के तरीके से मेल नहीं खा रहा था। इसी वजह से बोर्ड के सदस्यों का मिस्त्री पर से भरोसा उठ गया था।

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