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- 10 घंटे के बजाय 4 घंटे से हो रही आपूर्ति में कैसे होगी फसलों की सिंचाई, किसान परेशान
छिंदवाड़ाएक घंटा पहले
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रबी सीजन की फसलों में सिंचाई के लिए MPEB के द्वारा दी जा रही बिजली में कटौती की जा रही है जिससे किसानों को पर्याप्त बिजली न मिलने से खेतों में लगी फसल सूखने की कगार पर पहुंच गई है। जी हां फसलों की सिंचाई के लिए दस घंटे बिजली का शेड्यूल किसानों के लिए मुसीबत साबित हो रहा है।
किसानों को दिन में छह घंटे के बजाए महज तीन से चार घंटे बिजली किश्तों में मिल पा रही है। सबसे ज्यादा शिकायत उमरेठ, रिधोरा, कन्हरगांव, लिंगा सहित अन्य फीडर में मिल रही है।उमरेठ तहसील में आलू उत्पादक किसानों को इन दिनों सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। रात 10 बजे से दो बजे बिजली का लाभ लेने के किसान समय से पहले खेत में तैनात हो जाते हैं। मोटर पंप चालू करने में पांच सात मिनट की देरी होने पर पर्याप्त वोल्टेज नहीं मिल पाता।
लिंगा फीडर में सुबह 6 से 12 बजे तक छह घंटे बिजली सप्लाई का शेड्यूल है। यहां कई बार दोपहर एक बजे तक सप्लाई नहीं मिलती। छह घंटे की बिजली देर शाम तक किश्तों में तीन से चार घंटे ही मिल पाती है। कन्हरगांव फीडर में भी बिजली सप्लाई की शिकायतें बढ़ रही है।
जिले के अधिकांश तालाब और डेम के आसपास किसानों को कम वोल्टेज की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का आरोप है कि अवैध कनेक्शनों के कारण स्थाई कनेक्शन धारक किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
किसान का कहना है कि हर फीडर में रात और दिन की सप्लाई का शेड्यूल सीजन तक बदलते रहना चाहिए। सीजन पर भर एक जैसा शेड्यूल रहने से किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।