दौसा28 मिनट पहले
दौसा जिला परिषद की साधारण सभा में बुधवार को जिला प्रमुख हीरालाल सैनी की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
जिला परिषद की साधारण सभा की मीटिंग बुधवार को जिला प्रमुख हीरालाल सैनी की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिसमें बिजली, पानी व सड़क जैसे कई मुद्दों पर सदस्यों ने सवाल उठाए लेकिन जिम्मेदार अधिकारी संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। अधिकारियों के रवैए से नाराज सिकंदरा प्रधान ने तो इस्तीफे की चेतावनी तक दे डाली। इससे पूरे सदन में एक बार तो सन्नाटा पसर गया। बाद में जिला प्रमुख ने उनकी बात संभालते हुए अधिकारियों को चेतावनी दी कि जनप्रतिनिधियों की जानकारी के बिना किसी भी कार्य का अनुमोदन किया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
साधारण सभा की मीटिंग में कई विभागों के अधिकारी नहीं पहुंचे, कई सदस्य भी अनुपस्थित रहे।
दरअसल, सिकंदरा पंचायत समिति के प्रधान सुल्तान बैरवा ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि उन्हें प्रधान बने 14 महीने हो गए, लेकिन अभी तक पंचायत समिति में स्थाई विकास अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है। कार्यकारी व्यवस्था के लिए अतिरिक्त कार्यभार देकर अधिकारी-कर्मचारी लगा रखे हैं जो विकास कार्यों में रोड़ा अटका रहे हैं। ग्राम पंचायतों को दिए जाने वाले बजट के बिल पास करने में अधिकारी मनमर्जी कर रहे हैं। मेरी अनुमति के बिना बजट अनुमोदन किया जा रहा है, यदि अधिकारियों ने अपने रवैए में सुधार नहीं किया और स्थाई बीडीओ नहीं लगाया तो मैं प्रधान पद से इस्तीफा दे दूंगा।
CMHO डॉ. सुभाष बिलोनिया से सवाल-जवाब करती जिला परिषद सदस्य नीलम गुर्जर।
मंत्रियों के जिले में बदतर स्थिति- नीलम गुर्जर
वहीं जिला परिषद सदस्य नीलम गुर्जर ने मुद्दा उठाते हुए कहा चिकित्सा मंत्री के गृह जिले में चिकित्सा व्यवस्था की बदतर स्थिति है। शिकायत करने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंगती। स्थाई समिति की मीटिंग में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नहीं आते, ऐसे में सुधार की अपेक्षा कैसे की जा सकती है। इस पर सीएमएचओ डॉ. सुभाष बिलोनिया ने उनकी शिकायतों पर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया।
साधारण सभा की मीटिंग में मौजूद जिला परिषद सदस्य।
इसके साथ ही गुर्जर ने खाद की कालाबाजारी का मुद्दा उठाया तो कृषि विभाग के अधिकारी सफाई देते नजर आए। सड़कों के पेचवर्क को लेकर सवाल पूछने पर निर्माण विभाग के अधिकारी जवाब नहीं दे सके और बगले झांके। साथ ही अन्य सदस्यों ने भी उनकी खिचाई की। नीलम गुर्जर का कहना था कि जिले में कई मंत्री होने के बावजूद लोगों को जन समस्याओं के निराकरण के लिए भटकना पड़ता है। अधिकारियों की मनमर्जी के चलते व्यवस्थाएं चौपट हो रही हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
महुवा क्षेत्र की जिला परिषद सदस्य व विकास अधिकारी विनय मित्र के बीच जमकर बहस हुई।
सदस्यों ने उठाए समस्याओं के मुद्दे
वहीं जिला परिषद सदस्य भोमाराम ने कहा अधिकारी मनमर्जी करते हैं, सुनवाई नहीं होती, ऊपर भी कोई सुनने वाला नहीं है। मेघराम मीणा ने महुवा के सभी एकल पॉइंट की जांच कराने की मांग की। पप्पू झूथाहेड़ा ने कहा खाद कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इसके बाद जिला प्रमुख हीरालाल सैनी ने कहा जिला परिषद सदस्यों को मीटिंग में नहीं बुलाने पर अधिकारियों पर अनुशासत्मक कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान सीईओ शिवचरण मीणा, महुवा बीडीओ विनय मित्र, बाबूलाल मीणा समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।