होशियारपुर में तैयार हाे रहा कोरियन नमक, 31 हजार रुपए किलो मिलने वाला नमक 1200 में मिलेगा; 1 किलो नमक बनाने में लगते 22 दिन | Korean salt being prepared in Hoshiarpur, Rs.31 thousand a kg of salt will be available in 1200; It takes 22 days to make 1 kg of salt

होशियारपुर36 मिनट पहलेलेखक: अमरेंद्र कुमार मिश्रा

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दुनिया में सबसे महंगा इसलिए, क्योंकि कोरियन नमक में बहुत कम मात्रा में पाया जाता है सोडियम - Dainik Bhaskar

दुनिया में सबसे महंगा इसलिए, क्योंकि कोरियन नमक में बहुत कम मात्रा में पाया जाता है सोडियम

50 दिन में तैयार होने वाला और 31 हजार रुपए किलो मिलने वाला सबसे शुद्ध कोरियन नमक अब होशियारपुर के गांव बटोली में बनकर तैयार हो रहा है। इसे बनाने में यहां मात्र 22 दिन लगेंगे, वहीं इसकी कीमत भी घटकर 1200 रुपए किलो हो जाएगी। ये नमक जंगलात विभाग के मार्श बैंबो मिशन के अधीन तैयार किया जा रहा है।

पंजाब जंगलात विभाग नार्थ रीजन में तैनात कंजरवेटर डॉ. संजीव तिवाड़ी ने बताया कि दुनिया में एमेथिस्ट बैंबू नमक सबसे कीमती है। ये कोरिया का नमक है, जिसे बैंबू सिलेंडर में भरकर बनाया जाता है। हमने होशियारपुर के कंडी इलाके में पाए जाने वाले बांसों की गुणवत्ता की पहचान कर सेल्फ हेल्प समूह का गठन कर इस नमक को आम लोगों के किचन तक पहुंचाने की योजना है। अब जल्द पूरे देश में होशियारपुर के कंडी इलाके के गांव में बैंबो मिशन के अधीन दुनिया का सबसे शुद्ध नमक आम लोगों के किचन में भी उपलब्ध हो सकेगा।

दुनिया में सबसे महंगा इसलिए, क्योंकि कोरियन नमक में बहुत कम मात्रा में पाया जाता है सोडियम

कोरियन नमक को बनाना काफी जटिल काम है। अब तक कोरियन बैंबू नमक के 240 ग्राम पैकेट की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 7 हजार रुपए से ज्यादा है। इस हिसाब से 1 किलो के पैकेट की कीमत 30 से 35 हजार रुपए है। इस नमक को बनाने में काफी मेहनत लगती है। वहीं इसमें सोडियम की मात्रा बहुत कम होने के साथ वह सभी मिनरल उपलब्ध होते हैं जो हमारे शरीर के लिए गुणकारक हैं और कई तरह की बीमारियों में राहत प्रदान करते हैं।

गुजरात के समुद्री तट से नमक निकल होशियारपुर में पकाते हैं

बटोली गांव में योजना के संयोजक चमनलाल ने बताया कि गुजरात के समुद्री तट से नमक को निकालने के बाद बटोली गांव लाया जाता है। नमक को बांस के सिलेंडर में भरते हैं और फिर मिट्टी से बंद कर देते हैं। भट्ठी में नमक को 350 से 400 डिग्री तापमान पर 3 बार पकाते हैं। पूरी प्रक्रिया हाथ से होती है। नमक को पकाने से बांस की महक आती है। इसलिए इसे मिट्टी के बर्तन में बार-बार भूनते हैं। इसी कारण दुनिया का सबसे शुद्ध नमक माना जाता है।

डायबिटीज व थायरायड के रोगियों के लिए लाभप्रद

एक्सपर्ट के अनुसार, खानपान में कोरियन साल्ट के प्रयोग से हाथ का ठंडा व टेढ़ा होना, चेहरे काले धब्बे, सूखी चमड़ी, चेहरे व चमड़ी पर बने डार्क सर्कल, जीभ में समस्या, नाखून का सफेद होना, बाल का समय से पहले झड़ना, थायरायड की समस्या, हड्डी का टेढ़ा होना व दर्द होना, हर समय थका-थका महसूस होना, हर्ट बीट की समस्या और डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभप्रद है।

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