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- दिल्ली-एनसीआर में फिर भूकंप के झटके, एक हफ्ते में दूसरी बार भूकंप के झटके
13 मिनट पहले
दिल्ली-NCR में शनिवार शाम 7.57 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए है। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.4 रही। इन्हें करीब 5 सेकंड तक महसूस किया गया। इसका केंद्र नेपाल था। इससे पहले मंगलवार को भी यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसका केंद्र भी नेपाल में था।
साढ़े तीन घंटे पहले उत्तराखंड में हिली थी जमीन
उत्तराखंड में भी शनिवार शाम 4 बजकर 25 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.4 थी। भूकंप के झटके लगते ही लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए।
मंगलवार को नेपाल में आया था 6.3 तीव्रता का भूकंप, 6 की मौत; भारत के 5 राज्यों में झटके
पड़ोसी देश नेपाल में मंगलवार देर रात 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके झटके दिल्ली, यूपी समेत उत्तर भारत के 5 राज्यों में महसूस किए गए थे। लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, नेपाल में भूकंप 9 नवंबर रात 1 बजकर 57 मिनट पर आया। इसका केंद्र नेपाल के ही मनिपुर में जमीन से 10 किमी नीचे था। यहां दोती जिले में घर गिरने से 6 लोगों की जान चली गई थी।

नेपाल के दोती जिले में मंगलवार को आए भूकंप में एक घर गिर गया। इसमें दबकर 6 लोगों की मौत हो गई।
नेपाल में मंगलवार देर रात कब-कब आया भूकंप
तारीख | समय | तीव्रता |
8 नवंबर | रात 8:52 | 4.9 |
8 नवंबर | रात 9:41 | 3.5 |
9 नवंबर | देर रात 1:57 | 6.3 |
9 नवंबर | तड़के 3:15 | 3.6 |
* टेबल सिस्मोलॉजी इंडिया की वेबसाइट की जानकारी के आधार पर…

2015 में भी आया था नेपाल में भूकंप, 9 हजार से ज्यादा जानें गईं
नेपाल भूकंप 25 अप्रैल 2015 को सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इस विनाशकारी भूकंप में 9,000 से ज्यादा लोग मारे गए और 23,000 से ज्यादा घायल हुए। इसका केंद्र नेपाल से 38 किलोमीटर दूर लामजुंग में था। नेपाल में 81 साल में ऐसा जबरदस्त भूकंप आया था। इससे पहले 1934 में नेपाल और उत्तरी बिहार में 8.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 10,600 जानें गई थीं।
क्यों आता है भूकंप?
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।

ऐसे लगाते हैं भूकंप की तीव्रता का अंदाजा
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।

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