Saturday, November 5, 2022

फिल्म गैलरी का किया उद्घाटन; अपनी पहली फिल्म में पहने वस्त्र देख चौंकी | Actress Sumitra Hooda at Sonepat's Swarnaprastha Museum, inaugurated the film gallery.

सोनीपत2 घंटे पहले

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हरियाणा के सोनीपत में स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में शनिवार को मुंबई से फिल्म अभिनेत्री सुमित्रा हुड्डा पहुंची। उन्होंने संग्रहालय में बनकर तैयार हुई फिल्म गैलरी का विधि पूर्वक नारियल तोड़कर उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ पूर्व आईपीएस अधिकारी सुमन मंजरी भी उपस्थित रही। मौके पर ब्यूटीफिकेशन सोसाइटी के संयुक्त सचिव जसबीर खत्री, सदस्य सचिव राजेश खत्री और राष्ट्रीय कला केंद्र के संरक्षण विभागाध्यक्ष अचल पांड्या ने सभी मेहमानों का फूलों के बुके और समृति चिन्ह देकर स्वागत किया।

संग्रहालय में फिल्म गैलरी ने चौंकाया

अभिनेत्री सुमित्रा हुड्डा ने बताया कि ऐसा दुनिया में बहुत कम होता है कि जहां संग्रहालय में फिल्म गैलरी बनाई जाती हो। लेकिन यहां इस स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में वास्तव में ही यह फिल्म गैलरी अपने अंदर 100 वर्षो से भी अधिक का इतिहास समेटे हुए हैं और यहां पर देश दुनिया से पहुंचने वाले पर्यटकों को इतिहास से जुड़ी रोचक जानकारी प्राप्त होगी। यह उनका सौभाग्य है कि यहां पर उनके द्वारा हरियाणा की पहली फिल्म बहुरानी में मुख्य भूमिका के रोल में जिन वस्त्रों को उन्होंने पहना था, आज वह कपड़े संग्रहालय की शोभा बने हैं।

स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में पहुंचे अतिथिगण।

स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में पहुंचे अतिथिगण।

इस दौरान उन्होंने ब्यूटीफिकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष एवं डीसी ललित सिवाच का भी धन्यवाद किया। कहा कि यहां इस संग्रहालय में उनके नेतृत्व में तैयार हो रही अन्य कई गैलरियां भी काफी आकर्षण का केंद्र हैं। जिनमें ऋषि-मुनियों से जुड़ी गैलरी में गुरु गोरक्षनाथ जी से संबंधित जानकारी काफी रोचक है।

साथी एक्टर को बताएगी

उन्होंने हरियाणा के सांग करने वाली महान विभूतियों के विषय पर भी कहा कि फ़िल्म गैलरी में जगह देकर वास्तव में है उन कलाकारों को सच्ची श्रद्धांजलि दी गई है , वह मुंबई जाकर इस संग्रहालय की फिल्म गैलरी के विषय को लेकर वहां फिल्म अभिनेता और अभिनेत्रियों को जानकारी अवश्य देगी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि वह कभी जब भविष्य में दिल्ली आएगी तो अपनी बेटी भूमि को भी यह संग्रहालय अवश्य दिखाने का कार्य करेगी।

300 वर्ष पुराना भाप से चलने वाला रोड रोलर

इस अवसर पर राष्ट्रीय कला केंद्र के संरक्षण विभाग अध्यक्ष अचल पांड्या ने बताया कि वह अन्य गैलरियों को भी जल्द ही सजाकर तैयार करवा देंगे। उन्होंने बताया कि यहां पर मौजूद 300 वर्ष पुराने रोड रोलर का पर्यटक को में आकर्षण बढ़ान के मकसद को लेकर इसे ठीक करवा कर चलने लायक बनाया जाएगा और प्रतिदिन एक निर्धारित समय पर इसे चला कर दिखाया जाएगा।

स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में 300 साल पुराना रोड रोलर।

स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में 300 साल पुराना रोड रोलर।

रहट से चलेगा पानी का फव्वारा

ब्यूटीफिकेशन सोसाइटी के सदस्य सचिव राजेश खत्री ने बताया कि यहां इस संग्रहालय में खास तौर से पुराने समय के दौरान सिंचाई के रूप में इस्तेमाल होने वाले ओरिजिनल रहट को भी यहां स्थापित किया जाएगा और जब वह कुएं से पानी निकालेगा, तब उस पानी से यहां एक बेहद ही आकर्षण युक्त फव्वारा चलाया जाएगा जो ओपन में पर्यटकों के लिए बेहद ही सुकून देने वाला नजारा होगा।

फिल्म गैलरी ने यह बेहद खास

यह फिल्म गैलरी उन महान विभूतियों को समर्पित है जिन्होंने संगीत , फिल्म , सांग, रागनी , गीत , के प्रति अपनी कला से मनोरंजन किया। यहां खासतर से 9 सांगी की तस्वीरें मौजूद है लेकिन अब यह विभूति हमारे बीच नहीं हैं , जिनके द्वारा किया गया कार्य आज भी लोगों को सांग के रूप में प्रेरणा देता है।

सोनीपत में हुआ करते थे 6 सिनेमा

भारत देश में निर्मित फिल्म प्रोजेक्टर, कार्बन एआरसी लैंप मॉडल वर्ष 1986 मौजूद है, हालांकि सोनीपत में 6 सिनेमा में हुआ करते थे। जिनमें वर्ष 1955 में सांरग, 1956 में मिनर्वा, 1977 में तराना, अमृत और बाबा 1986 के अतिरिक्त 1989 में आनंद जो अब बंद हो चुके हैं और इनके भवनों को भी तोड़ कर वहां पर बड़ी बड़ी बिल्डिंग बना दी गई है।

स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय के बारे में जानकारी देते सदस्य सचिव राजेश खत्री।

स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय के बारे में जानकारी देते सदस्य सचिव राजेश खत्री।

पहली मूक फिल्म राजा हरिश्चंद्र

सिनेमा से जुड़ी कुछ पुरानी यादें यहां देख सकते है विशेष रुप से देश के प्रमुख कलाकारों से संबंधित प्रमुख फिल्मों से संबंधित भी जानकारी आप यहां वर्ष 1913 में निर्मित भारत की पहली मूक फिल्म राजा हरिश्चंद्र लेकर वर्ष 1916 की दंगल फिल्म से संबंधित 100 की ऐतिहासिक जानकारी उपलब्ध है। हरियाणवी भाषा में निर्मित पहली फिल्म वर्ष 1983 में निर्मित बहू रानी , सांझी , चंद्रावल , लाडो के पोस्टर भी यहां आकर्षण का केंद्र है। फिल्म अभिनेत्री सुमित्रा हुड्डा , मेघना मलिक और अनुज शर्मा आदि के फिल्मों में इस्तेमाल हुए वस्त्र भी प्रदर्शित हुए हैं जो पुराने फिल्मों की याद को ताजा करते हैं।

रेडियो का लाइसेंस लेना होता था

भारतीय तार अधिनियम 1885 के अंतर्गत अगर कोई भी व्यक्ति भारत देश में रेडियो को घर में रखने के लिए भारतीय तार महानिदेशक की और से संबंधित रेडियो का लाइसेंस लेना होता था। संगीत के विभिन्न ओरिजिनल यंत्र जिनमें बीन बांसुरी, बाजा, ढोल ढोलकी , हारमोनियम , ग्रामोफोन , सारंगी , इकतारा आदि पुरानी यादों को ताजा करता है। इस अवसर पर डॉ धर्मबीर शर्मा, प्रवीन , धनसिंह बीन वादक , राकेश कुमार सॉडी, महासिंह , रामनिवास, सुलेख कुमार, सुरेश कुमार, कृष्ण कुमार, बाबा सतपाल नाथ, डॉ सत्यव्रत त्रिपाठी, रणबीर सिंह रोहिल्ला मौजूद रहे।

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