चंडीगढ़एक घंटा पहले
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चंडीगढ़ स्थित पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने PM केयर्स फंड की जानकारी मांगने से जुड़ी याचिका को रद्द कर दिया है। मामले में याची नितिन मिट्टू से चीफ इन्फॉर्मेशन कमीशन(CIC), नई दिल्ली के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें उन्हें जानकारी प्रदान नहीं की गई थी। बीते 14 फरवरी को CIC ने याची की राइट टू इन्फॉर्मेशन(RTI) एक्ट, 2005 के तहत दायर दूसरी अपील का निपटारा कर दिया था।
उसी फैसले को मिट्टू ने कोर्ट में चुनौदी दी थी। इससे पहले मिट्टू ने 7 जून, 2020 को RTI एक्ट के तहत सेंट्रल पब्लिक इन्फॉर्मेशन ऑफिसर(CPIO) को अर्जी देते हुए PM केयर्स फंड से जुड़ी कुछ जानकारी मांगी थी।
CPIO ने जवाब में 15 जून, 2020 को जारी लेटर में कहा था कि केयर्स फंड RTI एक्ट के दायरे में नहीं आती। ऐसे में यह पब्लिक अथॉरिटी नहीं है। वहीं कहा था कि संबंधित जानकारी pmcares.gov.in वेबसाइट पर जाकर देखी जा सकती है। इस फैसले के खिलाफ याची ने CIC में अपील दायर की जिसका निपटारा कर दिया गया था। इस आदेश से असंतुष्ट होकर याची ने CIC में दूसरी अपील दायर की और उसका भी निपटारा कर दिया गया। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मिट्टू ने कहा था कि CIC का आदेश कानूनी रूप से सही नहीं है।
हाईकोर्ट ने कहा कि याची ने दिल्ली स्थित CIC के समक्ष मुख्य अर्जी और अपील दायर की थी। यह पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। सिर्फ फगवाड़ा(पंजाब) में संबंधित आदेश की रसीद होने से मामला हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं आ जाता। ऐसे में याचिका को रद्द कर दिया गया।
बता दें कि PM केयर्स फंड मुख्य रुप से कोविड 19 महामारी से लड़ाई को मजबूत करने के लिए बनाया गया था। इस महामारी को रोकने के लिए क्वालिटी ट्रीटमेंट और रिसर्च के क्षेत्र में काम करने के लिए भी इस फंड में लोगों ने डोनेशन दी थी।