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- प्रताप सिंह बाजवा बोले मान ने ऑडियो सुनकर सिंगला को किया था खारिज, सबने सुना सारारी का ऑडियो, घूम रहा था
चंडीगढ़एक घंटा पहले
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प्रताप सिंह बाजवा, विधानसभा में नेता विपक्ष
‘आप’ सरकार 6 माह बाद भी उस घुड़सवार जैसी है, जो बिना काठी के घोड़े पर सवार हो गया है और दौड़ के लिए स्थिर नहीं हो पा रहा है। सरकार जिन मुद्दों को लेकर सत्ता में आई, खरी नहीं उतरी। करप्शन पर इनकी जीरो टॉलरेंस नीति भी अस्पष्ट है। सीएम ने अकेले ऑडियो सुना और सिंगला को बर्खास्त कर दिया, सरारी का ऑडियो सबने सुना वह घूम रहा है। यह बात नेता विपक्ष प्रताप बाजवा ने सुखबीर सिंह बाजवा से बातचीत में कही।
पंजाब में पराली गंभीर मुद्दा है, यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है साथ ही हादसे भी होते हैं, क्या कहेंगे?
– पंजाब में पराली जलाने की बात करें तो हम इस समय गैस चैंबर में बैठे हैं और सरकार इस समस्या पर पार पाने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बना पाई है, जबकि केंद्र से उसे दो मौके मिल चुके हैं। एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मुल्लांपुर में कैंसर अस्पताल का उद््घाटन करने आए थे, दूसरी बार सीएम भगवंत मान खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिल चुके हैं।
दोनों अवसर पर मान ने पराली के समाधान में केंद्र के समक्ष मदद नहीं मांगी। किसान प्रति एकड़ 2500 रुपए मुआवजा मांग रहे हैं, इसमें 1500 केंद्र सरकार को डालने के लिए कहते, 500 दिल्ली सरकार, 500 हरियाणा को आग्रह करते। लेकिन ऐसा मान साहब ने नहीं किया।
आप सरकार दिल्ली में बैठे हाईकमान के नक्शे कदम पर चल रही है, जबकि दिल्ली और पंजाब का मुकाबला नहीं करना चाहिए। कुछ शेयर राज्य सरकार डाले और कुछ केंद्र तो पराली की समस्या का समाधान निकल सकता है। प्रदूषण को लेकर देश के दिल्ली दूसरे नंबर दिल्ली पर है। जो खुद पीड़ित है, वह पंजाब के लिए क्या कर सकते हैं।
बॉर्डर से 5 किमी. दायरे में माइनिंग के लिए सरकार को सेना की अनुमति का फैसला उचित है?
– हां, सेना का सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया यह फैसला उचित है और कांग्रेस समर्थन करती है। क्योंकि बॉर्डर जिलों में माइनिंग होती है तो गाड़ियों की आवाज में ड्रोन की आवाज दब सकती है, जिससे तस्करों और घुसपैठियों को अवसर मिल सकता है, जो देश के लिए हानिकारक हो सकता है।
आम आदमी पार्टी वीआईपी कल्चर के खिलाफ थी अब खुद विधायकों भी कोठियां अलॉट कर रही है?
– नहीं, यह गलत है। जिस बात का आप स्वयं ही विरोध करती आई है आज उसी राह पर चल रही है। ऐसे लोग सरकार में हस्तक्षेप कर रहे हैं, जो सरकार में नहीं है और जिन्होंने सरकार के कामकाज के लिए किसी प्रकार की गोपनीयता की शपथ नहीं ली है। सरकार बिना सोचे समझे ही नीति के विरुद्ध फैसले ले रही है। विधायकों के लिए बकायदा फ्लैट बने है, मंत्रियों के लिए कोठियां बनी है, एेसे में सरकार को नियमों की धज्जियां नहीं उड़ानी चाहिए।
एसजीपीसी जिसे सिखों की मिनी पार्लियामेंट कहा जाता है, उसमें राजनीतिक दखल की बात उठ रही है?
-यह सब भारतीय जनता पार्टी करवा रही है, वह जानबूझकर एसजीपीसी इलेक्शन में इंटरफेयर रह रही है। इसके लिए मोहरा किसी और को बनाया जा रहा है। इस प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप एसजीपीसी के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
पंजाब में क्या मुद्दे हैं, जिन पर सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि स्थिति बेहतर हो सके?
-पंजाब में शिक्षा-हेल्थ में सुधार, लॉ एंड ऑर्डर पर कंट्रोल और नशा तस्करी पर रोक लगाए जाने की ठोस आवश्यकता है। इन मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी बातें तो बड़ी-बड़ी करती है, लेकिन काम नहीं कर पा रही है। बेशक मोहल्ला क्लीनिक खोलकर सरकार वाहवाही लूटने का प्रयास कर रही है, लेकिन असल में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं वहां नहीं मिल पा रही है, डॉक्टर वहां काम करने को तैयार नहीं है। आए दिन तस्करी और लूट व दिनदहाड़े हत्याएं हो रही हैं।
कैबिनेट मंत्री सरारी को बर्खास्त करने को लेकर सड़क से विधानसभा तक सरकार को घेरा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, क्या कहेंगे?
– सरकार करप्शन पर जीरो टॉलरेंस का दावा तो कर रही है, लेकिन पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। एक मंत्री का ऑडियो सामने आया, उसे केवल मुख्यमंत्री ने सुना, किसी दूसरे को उसकी जानकारी तक नहीं थी, उस पर विजय सिंगला को तुरंत मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया।
वहीं, करप्शन को लेकर एक अन्य मंत्री फौजा सिंह सरारी और उसके ओएसडी का ऑडियो सामने आया, जिसे सबने सुना उस मंत्री और ओएसडी पर कोई कार्रवाई नहीं गई। करप्शन की छाया सीएम ऑफिस तक पड़ने लगी है। कुछ समय इंतजार करिए, करप्शन जल्द ही सीएम की कोठी तक भी पहुंच जाएगी।