चंडीगढ़एक घंटा पहले
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प्रतीकात्मक तस्वीर।
खुद को तरन तारन के SSP का रीडर बता रौब झाड़ना और शराब के नशे में धुत होकर चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस कर्मी से मारपीट कर उसकी वर्दी फाड़ना पंजाब के तीन व्यक्तियों को भारी पड़ा है। चंडीगढ़ जिला अदालत ने तीनों को IPC की धारा 332 और 353 के तहत दोषी करार दिया है। ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट कोंपल धंजल की कोर्ट ने तरन तानन के रहने वाले हरप्रीत सिंह, सिमरदीप सिंह और अमरिंदर सिंह को 5 साल पुराने केस में दोषी पाते हुए जुर्माना ठोका है।
इनके खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस ने IPC की धारा 323, 332,353, और 34 के तहत सेक्टर 36 थाने में वर्ष 2017 में केस दर्ज किया था। मामले में शिकायतकर्ता हैड कॉन्स्टेबल हरमिंदर सिंह था।
रांग साइड गाड़ी खड़ी की थी, हटाने को कहा तो भड़क गए
दायर मामले के मुताबिक शिकायतकर्ता हैड कॉन्स्टेबल 7 सितंबर, 2017 को पिकाडली लाइट प्वाइंट पर अपनी ट्रैफिक ड्यूटी दे रहा था। इस दौरान उसे एक कार गलत खड़ी दिखी। उसने दोषी युवकों को कार हटाने को कहा। इस दौरान पुलिसकर्मी ट्रैफिक संभालने में लग गया। अंबाला हाईवे से एंबुलेंस आ रही थी जिसके लिए वह रास्ता बना रहा था। इस दौरान कार में से एक युवक निकल उसके पास आया और अपना ID कार्ड दिखाने लगा। उसने कहा कि वह SSP, तरन तारन का रीडर है।
वहीं कार पर पंजाब पुलिस का निशान भी बना हुआ था। इसे बाद में दोषियों ने हटा दिया था। इसके बाद दोषी युवक ट्रैफिक पुलिसकर्मी के साथ धक्का-मुक्की करने लगे। ऐसे में उनकी वर्दी भी फट गई। मौके पर कुछ लोगों ने पहुंच कर पुलिसकर्मी को बचाया और दोषियों को पकड़ा गया।
सेक्टर 36 थाना पुलिस ने इनके खिलाफ केस दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश किया। ट्रायल के दौरान दोषियों की MLR में पाया गया कि वह अल्कोहल का सेवन किए हुए थे। प्रोसिक्यूशन का केस साबित होने पर तीनों को दोषी पाते हुए तीनों पर 4-4 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इन्हें कोर्ट ने कहा कि जुर्माना न भरने पर 1 महीने की कैद होगी।