डिवाइडरों के बीच में बना दी जेब्रा क्रासिंग तो कहीं सिंगल लेन रोड पर खींच दीं लकीरें | The zebra crossing was made in the middle of the dividers and the lines were drawn somewhere on the single lane road.

रायपुर30 मिनट पहले

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आजाद चौक की क्रासिंग डिवाइडर पर खत्म हो रही है। ऐसा ही आमापारा चौक में है। - Dainik Bhaskar

आजाद चौक की क्रासिंग डिवाइडर पर खत्म हो रही है। ऐसा ही आमापारा चौक में है।

शहरभर में बनाई जा रही जेब्रा क्रासिंग और ट्रैफिक संकेतकों में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। कहीं पर डिवाइडर के बीच में जेब्रा क्रासिंग बनाई जा रही है तो कहीं पर सिंगल लेन सड़कों पर भी स्टापर लाइन बनाई जा रही है। इस तरह बनाए गए ये संकेतक लोगों के लिए किसी भी काम के नहीं है। सरकारी एजेंसियों के अधिकारी बिना नियमों को देखे और उनकी उपयोगिता के लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं।

जेब्रा क्रासिंग और स्टॉप लाइन का ट्रैफिक में काफी महत्व है। सड़क में पहले स्टॉप लाइन होती है। उसके बाद जेब्रा क्रासिंग बनाई जाती है। गाड़ियां जब रेड सिग्नल पर खड़ी हों और पैदल चलने वालों के लिए ग्रीन सिग्नल मिले तो पैदल यात्री जेब्रा क्रासिंग का उपयोग कर सड़क पार करते हैं। चौक के पास डिवाइडर जहां से शुरू होता है, उससे दो फीट पहले जेब्रा क्रासिंग बनाई जाती है। सड़क की एक छोर पर खड़े पैदल यात्री सिग्नल मिलने पर जेब्रा क्रासिंग का उपयोग करते हुए सड़क की दूसरी छोर तक पहुंच सके।

चौकों की डिजाइन ही खराब
ट्रैफिक एक्सपर्ट मनीष पिल्लीवार के अनुसार एक आदर्श चौक में चारों तरफ की सड़कों पर जेब्रा क्रासिंग बनने के बाद बीच में एक वर्गाकार आकृति बननी चाहिए। जेब्रा क्रासिंग के दो फीट बाद डिवाइडर शुरू होना चाहिए और वहीं पर स्टाप लाइन होनी चाहिए। ताकि गाड़ियां स्टाप लाइन पर रुक जाएं और उसके आगे जेब्रा क्रासिंग पर लोग आसानी से दूसरे किनारे तक पहुंच सकें।

इंग्लैंड से शुरू हुई जेब्रा क्रासिंग
जेब्रा क्रासिंग की शुरुआत 1930 में इंग्लैंड से शुरू हुई। उस वक्त इंग्लैंड में ट्रैफिक का दबाव बढ़ने लगा। तब लोगों के सुरक्षित यातायात के लिए सड़कों पर सफेद और काली लाइनें खींची गईं। सड़कों के अलावा पोल इत्यादि भी इस तरह से रंगे गए। ताकि पैदल चलने वाले लोगों को सुरक्षित रास्ता मिल सके। साल 1930 में इंग्लैंड में इसे एक प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया था।

सड़कों पर जेब्रा क्रासिंग बनाने में यदि नियमों का पालन नहीं हो रहा है तो उसे सुधरवाया जाएगा। स्टाप लाइन और क्रासिंग बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस से प्रस्ताव आता है। – एजाज ढेबर, मेयर

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