आखरी अपडेट: 18 अगस्त 2022, दोपहर 2:59 बजे IST

अदालत ने 15 लोगों को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई। (फाइल फोटोः रॉयटर्स)
25 जून, 2019 को जेल में कैदियों के दो समूह आपस में भिड़ गए। हिंसा में दो कैदियों को गंभीर चोटें आईं और उनमें से एक मनोज कुमार सिंह ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया।
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले की एक अदालत ने गुरुवार को जमशेदपुर में घाघीडीह सेंट्रल जेल के एक कैदी की 2019 में दो गुटों के बीच झड़प के दौरान 15 लोगों को मौत की सजा सुनाई. अपर जिला न्यायाधीश-4 राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने 15 को सजा सुनाई. अतिरिक्त लोक अभियोजक राजीव कुमार ने कहा कि लोगों को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराते हुए फांसी पर लटका दिया।
उन्होंने कहा कि अदालत ने सात अन्य लोगों को भी आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दोषी ठहराते हुए 10 साल जेल की सजा सुनाई है। पुलिस ने कहा कि मौत की सजा पाने वालों में से दो फरार हैं।
25 जून, 2019 को जेल में कैदियों के दो समूह आपस में भिड़ गए। हिंसा में मनोज कुमार सिंह सहित दो कैदी गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में सिंह ने दम तोड़ दिया। हिंसा के सिलसिले में परसुडीह थाने में मामला दर्ज किया गया था।
अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को दो लापता दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई शुरू करने और उन्हें उसके समक्ष पेश करने का आदेश दिया। पुलिस ने बताया कि उन्हें पकड़ने के लिए तलाश की जा रही है।
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