आयोजक टिकट की रेट 500 से कम रखेंगे ताकि जीएसटी न लगे | Organizers will keep the ticket rate less than 500 so that there is no GST

सूरत11 मिनट पहले

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शहर में अब गरबा आयोजन में नौ दिन की बजाय प्रतिदिन का टिकट होगा। - Dainik Bhaskar

शहर में अब गरबा आयोजन में नौ दिन की बजाय प्रतिदिन का टिकट होगा।

कोरोना महामारी के दो साल बाद इस साल नवरात्रि पर गुजरात गरबा से गुलजार होगा। लेकिन इस बार गरबा पर जीएसटी को लेकर आयोजक पशोपेश में हैं। केंद्र सरकार ने गरबा के 500 रुपए और इससे अधिक की टिकटों पर 18% जीएसटी लगाया है, जिससेे आयोजिक बीच का रास्ता निकालने में जुटे हैं।

जीएसटी के कारण टिकट की दरों में वृद्धि होगी, ऐसे में लोगों को गरबा तक लाने के लिए आयोजकों नेे नया रास्ता निकाला है। आयोजक अब प्रतिदिन के हिसाब से टिकट जारी करेंगे। साथ ही प्रत्येक टिकट की कीमत 500 रुपए से कम रखेंगे, ताकि लोगों को गरबा खेलने के लिए अतिरिक्त पैसा नहीं देना पड़े।

शहर के बड़े आयोजक शहर के 10 स्थानों पर विशाल गरबा आयोजित करने की तैयारी में जुटे हैं। इसके अलावा सैकड़ों स्थानों पर छोटे स्तर पर गरबा होगा। कोरोना के कारण दो साल गरबा आयोजित नहीं हो पाया था। इसलिए इस बार लोगों में गरबा को लेकर उत्साह है। ऐसे में लोगों को उत्साह बना रहे। इसलिए आयोजक कम से टिकट का दाम कम रखने की प्लानिंग कर रहे हैं।

इस बार सरसाणा कन्वेंशन सेंटर में जी-9 ग्रुप गरबा आयोजित करेगा। जी-9 ग्रुप के हिरेनभाई काकड़िया ने बताया कि कोविड के बाद स्थिति बदल गई है। बीमारी के भारी भरकम इलाज और रोजगार के अवसर कम होने से लोगों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई है। ऐसे में गरबा पर जीएसटी के कारण टिकट होना स्वाभाविक है। जीएसटी का बोझ लोगों पर ही पड़ेगा।

मध्यवर्गीय लोगों के लिए गरबा का महंगा टिकट लेना संभव नहीं है। ऐसे में हमने तय किया है कि इस बार गरबा का नौ दिन का एक टिकट की बजाय दैनिक आधार पर टिकट बेचेंं। हमने एक दिन का टिकट 400 रुपए का रखने का निर्णय लिया है। इससे लोगों पर जीएसटी को बोझ नहीं पड़ेगा। गरबा आयोजन से जुड़े महेश कन्नौजिया का कहना है कि गरबा पास रोज के हिसाब से तय किए जा रहे हैं। एक दिन के गरबा टिकट के दाम ~500 से कम ही रखेंगे।

अब डेली का टिकट जारी करेंगे

अब तक आयोजक नौ दिन के आयोजन का एक टिकट जारी करते थे। कोविड काल से पहले 2019 में गरबा के नौ दिन के पास की कीमत ~2000-2500 होती थी। अब सरकार ने ~500 व इससे अधिक के टिकट पर जीएसटी लगा दिया है। अब डेली टिकट की कीमत ~500 से कम रखी जाएगी।

सेवाकर 14 % था, जीएसटी 18 % किया

जीएसटी लागू होने से पहले सभी तरह के व्यावसायिक-सांस्कृतिक आयोजनों पर 14 % सेवा कर लगता था। केंद्र ने 2017 में जीएसटी लागू किया। इसमें गरबा या ऐसे आयोजनों के ~500 व इससे अधिक के टिकट पर सेवाकर की जगह 18% जीएसटी लगाया। टसाथ ही इनमें इस्तेमाल होने वाले सामानों पर जीएसटी लगा दिया।

जीएसटी के डर से लोगों के गरबा में नहीं आने सेे आशंकित आयोजकों ने निकाला रास्ता

कोविड के कारण पिछले दो साल से नवरात्र व गरबा का रंग फीका रहा। महामारी के कारण कहीं भी गरबा का आयोजन नहीं हो पाया था। इस साल आयोजकों के साथ ही लोगों में भी गरबा धूमधाम से मनाने को लेकर भारी उत्साह है। गरबा पर जीएसटी लगने के साथ ही चणियां चोली भी महंगी हो गई है। कोविड के कारण वर्ष 2020 और 2021 में गरबा का आयोजन नहीं हो पाया था।

शहर में नौ दिन तक चलने वाले गरबा कार्यक्रम में शामिल होते हैं हजारों लोग

शहर में 10 स्थानों पर बडे स्तर पर गरबा हाेता है। इनमें हजारों लोग शामिल होते हैं। गरबा शहरभर में नौ दिन तक चलता है। इसमें गरबा की सांस्कृतिक नृत्य नाटिकाएं भी होती हैं। इनमें 350 तक कलाकार शामिल होते हैं।

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