Bihar Magathbandhan After Jitan Ram Manjhi Bihar Congress Seeks Respectable Sharing In Cabinet

नीतीश कुमार नया मंत्रिमंडल बिहार में नई सरकार बनते ही मंत्रालय को लेकर खींचतान शुरु हो गई है. कांग्रेस (Congress_ ने संख्या बल के लिहाज से बंटवारे की मांग की है. मंत्रालय की मांग पर तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस चाहती है कि सम्माजनक संख्या में हमें मंत्री पद मिलें. राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) पहले ही स्पीकर और गृह मंत्रालय को लेकर दावा ठोक चुकी है. तो अब मंत्री पद को लेकर कांग्रेस ने दबाव की राजनीति शुरु कर दी है. कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि संख्या बल के हिसाब से उसे सम्मानजनक पद मिलना चाहिए.

बिहार कांग्रेस की सम्मानजनक हिस्सेदारी की मांग

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नीतीश मंत्रिमंडल में चार पदों की मांग कर रही है. इस इस बीच इसी बीच खगड़िया से विधायक छत्रपति यादव ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है. छत्रपति यादव ने पार्टी में एकमात्र यादव विधायक होने की बात कहते हुए खुद को मंत्री बनाने की मांग की है. संख्याबल के लिहाज से बिहार के महागठबंधन में कांग्रेस तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. विधानसभा में कांग्रेस के 19 विधायक है. मंत्रालयों को लेकर उठ रहे सवाल को लेकर बिहार के नए डिप्टी सीएम ने प्रतिक्रिया दी है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि गेंद नीतीश के पाले में है, हिस्सेदारी बांटने की जिम्मेदारी उन्हीं की है.

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर गुरुवार को निशाना साधते हुए कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के कार्यालय स्थापित करने के लिए अपना आवास देने को तैयार हैं. राजनीतिक प्रतिशोध के लिए ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाया जाता रहा है.

तेजस्वी यादव ने साधा केन्द्र पर निशाना

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के युवा नेता ने 10 लाख नौकरियां प्रदान करने के अपने उस वादे को पूरा करने की प्रतिबद्धता फिर से जताई, जो उन्होंने विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान किया था. तेजस्वी ने कहा कि उनकी नवगठित सरकार 2020 में विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए 10 लाख नौकरियां देने के राजद के वादे को पूरा करेगी.

बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से हटाए जाने और धनशोधन के एक मामले में उनका नाम सामने आने के बीच, जब तेजस्वी यादव से यह पूछा गया कि क्या वह संघीय एजेंसियों के डर से परेशान हैं, उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘ मैं ईडी और सीबीआई द्वारा मेरे आवास के भीतर अपना कार्यालय स्थापित किए जाने का स्वागत करूंगा. अगर इससे भी शांति नहीं मिलती, तो मैं उनकी मदद नहीं कर सकता.’’

उन्होंने कहा, ‘‘उपमुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी मैं इन एजेंसियों से नहीं डरता था जबकि तब मैं बहुत छोटा था. मैं बिहार के हितों के लिए केंद्र से लड़ता रहा हूं.’’ राजद प्रमुख लालू प्रसाद के छोटे पुत्र तेजस्वी ने कहा, ‘‘अब मैं परिपक्व हो गया हूं. मैंने विपक्ष के नेता के रूप में काम किया है और मैंने अपने पिता की अनुपस्थिति में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी पार्टी के प्रचार अभियान को भी संभाला था.’’

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