जूनागढ़ : हर मानसून की तरह इस साल भी केशोद का घेड़े पंथक जलमग्न हो गया है और गांव में घुसने वाली नदियों का पानी लोगों के घरों में भर गया है और खेत भी जलमग्न हो गए हैं.
हर साल की तरह इस बार भी जूनागढ़ी के केशोद मानसून भेड़ (घेड)सूबा में पानी भर गया है। ऊपरी इलाकों में भारी बारिश (भारी वर्षा)इससे जगह-जगह पानी भर गया है। खेत भी जलमग्न हो गए हैं। जिससे किसानों को फसल बर्बाद होने का डर सता रहा है। बारिश का पानी खेतों में भर गया (जल भराव) खासकर मूंगफली की फसल को भारी नुकसान होने की संभावना है। इसके बाद किसान चिंतित हो गए।
ओजत और भादर नदियों में बाढ़ की स्थिति
जूनागढ़ समेत पूरे संभाग में लगातार 2 दिनों से बारिश हो रही है। इस वजह से ओजत और भादर नदी बाढ़ की स्थिति में हैं। इन नदियों में अचानक आई बाढ़ की स्थिति के कारण बाढ़ का पानी घेड पंथक के गांवों में घुस गया है, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है. लोगों के घरों में भी पानी भर गया है। जिससे सार्वजनिक जीवन काफी प्रभावित हुआ है और लोगों को बार-बार दिक्कतों का सामना करना पड़ा है.
गांव में घुसा ओजत, भादर और उबेर नदियों का पानी
घेड पंथक एक निचला क्षेत्र है, यहां ओजत, भादर और उबेर सहित तीनों नदियों का पानी घेड पंथक में बहता है, जिससे हर साल घेड में भयंकर बाढ़ आती है। इसको लेकर किसानों ने व्यवस्था को कई बार अभ्यावेदन दिया है। जिसमें कई बार नदियों को गहरा करने और नदियों में तटबंध बनाने की कई मांगें उठती रही हैं लेकिन व्यवस्था की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है और हर साल मानसून में बाढ़ का पानी गांव और खेतों में लौट आता है और लोगों को बार-बार नुकसान उठाना पड़ता है.
इनपुट क्रेडिट- विजय सिंह परमार- जूनागढ़ी