सरकार ने दी विमानन कंपनियों को किराया तय करने की छूट, इसलिए सितंबर से बढ़ सकता है फ्लाइट का किराया | The government has given the airlines the freedom to fix the fare, so the flight fare may increase from September

सूरतएक घंटा पहले

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कोरोना काल में लगी एयर फेयर कैप हटाने से अब विमानन कंपनियां खुद तय कर सकेंगी किराया। - Dainik Bhaskar

कोरोना काल में लगी एयर फेयर कैप हटाने से अब विमानन कंपनियां खुद तय कर सकेंगी किराया।

31 अगस्त के बाद फ्लाइट का किराया महंगा हो सकता है। इसी हफ्ते के बुधवार को केंद्र सरकार ने आदेश जारी कर कोरोना काल में लगे एयर फेयर कैप को हटा लिया और एयरलाइंस कंपनियों को 31 अगस्त के बाद किराया तय करने की छूट दे दी है।

इससे अब विमानन कंपनियां अधिकतम और न्यूनतम किराया तय कर सकेंगी। इससे जहां एक तरफ बढ़ते पैसेंजर और उड़ानों की संख्या में प्रतिस्पर्धा से किराया सस्ता होने से ज्यादा बढ़ने की संभावना है। क्योंकि कोरोना काल के बाद हुए घाटे की विमानन कंपनियां भरपाई करना चाहेंगी।

एयर टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। इससे किराये पर भी असर पड़ेगा। सूरत से दिल्ली जाने वाली उड़ानों का सितंबर का किराया अभी से महंगा हो गया है। 31 अगस्त के बाद और महंगा हो सकता है।

1 सितंबर को दिल्ली का किराया अभी से 5000 के पार

सूरत से दिल्ली जाने के लिए 12 अगस्त को अधिकतम किराया 7081 है, जो फ्लेक्सी फेयर है। वहीं 1 सितंबर को यह किराया अभी से 5086 जा पहुंचा है। यानी अगस्त के अंत में मांग बढ़ने पर 1 सितंबर को फ्लैक्सी के रूप में इसके 8 हजार रुपए के पार पहुंचने का अनुमान है।

इसी तरह 13 अगस्त को सूरत-बेंगलुरू का फ्लैक्सी फेयर 8681 है, जबकि 2 सितंबर को इसका शुरुआती किराया 3758 रुपए है। डिमांड बढ़ने के बाद फ्लैक्सी फेयर और बढ़ जाएगा। सूरत से दिल्ली जाने के लिए सबसे ज्यादा यात्रियों की ट्रैफिक मिलती है, क्योंकि दिल्ली से कनेक्टिंग और इंटरनेशनल दोनों उड़ानें मिलती हैं।

ट्रेवल एजेंट्स के अनुसार इस साल यात्रियों की संख्या बढ़ी है। दो साल तक कपंनियों ने घाटा उठाया है। अब कंपनियां यात्रियों की संख्या बढ़ने पर इसे कवर करने का प्रयास करेंगी। एटीएफ की कीमतें भी बढ़ रही हैं, जिस कारण भी किराया बढ़ा है।

ऐसे लगा था एयर फेयर कैप

कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के बाद 25 मई 2020 से उड़ानों की शुरुआत होने पर उड्डयन मंत्रालय ने उड़ानों की समयावधि के आधार पर डोमेस्टिक एयर फेयर की सीमा तय कर दी थी। इसके अनुसार कोई भी एयरलाइंस यात्री से 40 मिनट की कम घरेलू उड़ानों के लिए कम से कम 2900, जबकि अधिकतम 8800 से ज्यादा किराया नहीं वसूल कर सकती थी। हालांकि अब एयर फेयर कैप हटा लिया गया है। इससे विमानन कंपनियां खुद से किराया तय कर सकेंगी।

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