Indore Central Jail News: पूरे देश में इस समय गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) की तैयारियां जोरों पर हैं. मूर्तिकार दिन-रात गणेश जी की प्रतिमाएं बनाने में लगे हुए हैं. इसी कड़ी में इंदौर की सेंट्रल जेल (Indore Central Jail) के कैदी भी भगवान गणेश (Lord Ganesha) की मूर्तियों को अपने हाथों से आकार दे रहे हैं. जेल के कैदियों (Prison Imates) द्वारा बनाई जा रही मूर्तियों की खासियत ये है कि ये मूर्तियां पूरी तरह ईको फ्रेंडली हैं और इन्हें पांच तरह की मिट्री और प्राकृतिक रंगों से सजाया जा रहा है.
जेल के कैदी दिखा रहे अपनी कला का जौहर
इंदौर की सेंट्रल जेल इस समय मूर्ति निर्माण का केंद्र बनी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्किल इंडिया का सपना इन कैदीयों कि कला और इसके द्वारा कि जा रही मेहनत को देख कर पूरा होते हुए नजर आ रहा है. दरअसल जेल के कैदी इस समय गणेश की मूर्तियों को बनाने में व्यस्त हैं. कैदियों द्वारा बनाई जा रही मूर्तियों में भगवान गणेश के अनेक रूप देखने को मिल रहे हैं. अनेक मूर्तियों के बीच कैदियों द्वारा बनाई जा रही डी.जे.गणेश कि मूर्ति देखते ही बनती है. यहां यह बात भी गौर करने वाली है कि गणेश मूर्तियों को बनाने में मुस्लिम कैदी भी अपना योगदान दे रहे हैं.
पिछले कई सालों से पेटिंग कर रहे कैदी
अलग-अलग अपराधों में सेंट्रल जेल में बंद कैदी जेल में न केवल हुनर सीख रहे हैं बल्कि बाहर आकर अपने हुनर की कला दिखाने और समाज की मुख्य धारा में शामिल होने के लिए भी तैयार हैं. गणेश मूर्ति बनाने वाले कैदी कलाकार सोनू सचिन ने बताया कि वो 302 हत्या के मामले में पिछले 11 साल से जेल मे बंद हैं. उन्होंने कहा कि मैंने जो पाप किया है उसका मुझे पछतावा है. सोनू ने कहा कि जेल के बड़े अधिकारियों ने हमारा उत्साह बढ़ाया और आज हम सभी कैदी भाई कई कलाओं से परिपूर्ण हैं. सोनू ने बताया कि पिछले कई सालों से हमें पेंटिंग कर रहे हैं. इसके अलावा पिछले 4 सालों से भगवान की ईको फ्रेंडली मूर्तियां बनाकर तैयार कर रहे हैं. हमें लगता हैं कि जब भगवान लोगों के घर में विजमान होंगे तो उसका प्रतिफल हमें भी मिलेगा.
कैदियों ने जेल अधीक्षिका को दिया इसका श्रेय
वहीं दूसरे कैदी शादिक लाला जो की हत्या के आरोप में पिछले 16 सालों से सजा काट रहे हैं, ने कहा कि वह धर्म से मुस्लिम ज़रूर हैं लेकिन वह हर धर्म का सम्मान करते हैं. सादिक ने कहा कि वह भगवान गणेश जी की मूर्ति को कई सालों से बनाते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम बड़ी ही धूमधाम से जेल में कैदी भाइयों के साथ गणेश चतुर्थी मनाते हैं. कैदीयों के कहा कि हमारे अंदर हुनर पैदा करने का श्रेय जेल अधिक्षिका को जाता है जिन्होंने लगातार कैदी भाइयों का हौसला बढ़ाया और हमें मूर्ति बनाने के लिए प्रेरित किया.
साथ मिलकर मूर्तियां बना रहे हिंदू-मुस्लिम कैदी
वहीं, सेंटर जेल की अधीक्षिका अलका सोनकर ने बताया कि भगवान गणेश हर किसी के जीवन में एक दिन ऐसा लाते हैं कि हर बुराई करने वाले को एक ना एक दिन पश्चाताप होता है और यही वजह है कि जेल में कैदी भाइयों द्वारा प्रतिवर्ष कि तरह इस वर्ष भी इको फ्रेंडली भगवान गणेश कि मूर्तियां बनाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि जेल में सजा काट रहे करीब 11 कैदी भाई अपनी कला और हुनर से भगवान गणेश के कई रूपों कि मूर्ति बना चुके हैं. सोनकर ने कहा कि इन मूर्तियों को सभी स्टाफ को दिया जाएगा, साथ ही ये मूर्तिया आमजन के लिए भी हमारे आउटलेट पर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी. अलका सोनकर ने बताया कि जेल के 3 से 4 मुस्लिम बंदी भी मूर्ति बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं.
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