चुनाव लड़ने वाला अपराधी है तो बताना होगा, इस बार मतदाता भी बढ़े; 5 दिसंबर को वोटिंग | Nominations for Bhanupratappur by-election from tomorrow Chhattisgarh News

कांकेर16 मिनट पहले

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प्रदेश में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर उप चुनाव 5 दिसंबर को होंगे। नतीजों की घोषणा 8 दिसंबर को की जाएगी। नामांकन 10 से 17 नवंबर से भरे जाएंगे। विधानसभा के डिप्टी स्पीकर व कांग्रेस विधायक मनोज सिंह मंडावी के निधन से यह सीट खाली हुई है। यह सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। यदि कोई उम्मीदवार अपराधी है, तो उसे तय प्रारूप में नाम वापसी की तिथि के बाद वोटिंग के दो दिन पहले तक तीन बार समाचारपत्रों व टेलीविजन में अपने आपराधिक मामले के बारे में जानकारी देनी होगी। यानी इसका प्रसारण व प्रकाशन कराना होगा।

बताया गया कि यदि उम्मीदवार किसी पंजीकृत राजनीतिक दल का प्रत्याशी है तब भी उसे इसकी जानकारी संबंधित दल को देनी होगी। संबंधित पार्टी को भी इस बारे में स्थानीय व राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशन तथा टेलीविजन पर प्रसारण कराना होगा। ऐसे उम्मीदवार को अपराध की जानकारी वेबसाइट, सोशल मीडिया, फेसबुक व ट्विटर पर प्रकाशित करनी होगी। यह भी बताना होगा कि बिना आपराधिक चरित्र वाले इंसान के स्थान पर अपराधी उम्मीदवार का चयन क्यों किया गया। ऐसा न करना सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना होगी। राज्य की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहब कंगाले ने बताया कि संबंधित क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है।

महंगे हुए चुनाव, अब 40 लाख खर्च सीमा –
समय के साथ -साथ चुनाव भी महंगे होते जा रहे हैं। यही वजह है कि चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की खर्च सीमा में इजाफा किया है। अब इस चुनाव से प्रत्याशी चुनाव में 40 लाख रुपए तक व्यय कर सकेंगे। पहले इसकी सीमा 28 लाख रुपए थी। हालांकि उम्मीदवारों को चुनाव में किए जा रहे व्यय का ब्योरा रोजाना आयोग को देना होगा। इसके लिए व्यय प्रेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं।

एक नजर में –
सीट – भानुप्रतापपुर (क्र. 80)
नामांकन -10 से 17 नवंबर
नाम वापसी – 21 नवंबर
चुनाव – 5 दिसंबर
नतीजे – 8 दिसंबर
कुल वोटर – 1,95,678
पुरुष मतदाता – 95,186
महिला मतदाता – 1,00491
थर्ड जेंडर – 01
नक्सल क्षेत्र में है विधानसभा, वोटिंग का वक्त बाद में
भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में नक्सलवाद प्रभावित इलाके में है। इसके लिए यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। वोटिंग का समय अभी तय नहीं किया गया है। कंगाले के अनुसार इसकी जानकारी 10 नवंबर को अधिसूचना जारी होने के वक्त दी जाएगी। सुरक्षा के मद्देनजर जिला निर्वाचन अधिकारी जो भी वक्त तय करेंगे उसके अनुसार वोटिंग कराई जाएगी। ताकि मतदान दल दिन ढलने से पूर्व सुरक्षित स्थानों पर पहुंच सकें। फिर भी यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मतदान सुबह सात से तीन बजे तक हो सकता है।

96 बूथ अति संवेदनशील –
भानूप्रतापुर विधानसभा क्षेत्र में 156 बूथों पर मतदान होगा। इनमें 17 शहरी व 239 गांवों में हैं। इसमें से 95 बूथ अति संवेदनशील माने गए हैं। पांच बूथ संगवारी बूथ होंगे जो केवल महिलाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे। इसके साथ पांच आदर्श मतदान केंद्र भी होंगे। हर बूथ पर अधिकतम 1500 वोट डाल सकेंगे।
खास बातें -इस बार मतदाता भी बढ़े
– कोरोना गाइड-लाइन का होगा पालन
– कोरोना के मरीज होंगे तो अंतिम घंटे में मतदान कर सकेंगे।
– आयोग द्वारा मान्य 12 पहचानपत्रों से होगा मतदान।
– कोरोना संक्रमित, संदिग्ध प्रमाणित, दिव्यांग और 80 साल से अधिक के मतदाता डाकमत पत्र का उपयोग कर सकेंगे।
– 5 जनवरी 22 को जारी वोटरलिस्ट में शामिल लोग ही करेंगे मतदान।
– 2018 की तुलना में 5514 वोटर बढ़े हैं।
– अब 18-19 साल के नए वोटर 3490 हैं।
– दिव्यांग मतदाता 855 हैं।
– 80 साल से अधिक के वोटर 1875 हैं। 640 पुरुष 1235 महिलाएं है।
– 2013 में 79.26, 2018 में 77.25 फीसदी मतदान हुआ था। जबकि लोकसभा चुनाव में 71.09 फीसदी वोट पड़े थे।
– अनुसूचित जनजाति सीट है इसलिए 5 हजार रुपए जमानत राशि है।
– मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल 40 और गैर मान्यता प्राप्त 20 स्टार प्रचारक रख सकेंगे।
– रात 10 से सुबह 6 बजे तक रैली – जनसंपर्क प्रतिबंधित रहेगा।
– पेड न्यूज पर राज्य व जिला स्तरीय कमेटी निगरानी रखेगी।
– जिले में बैलेट यूनिट 1843, कंट्रोल यूनिट 650 व वीवी-पैट 860 है।
– बूथों से दोगुनी मशीनों पर तैयारी चल रही है।
– मतदान से पहले उम्मीदवारों के सामने मॉकपोल होगा।

प्रदेश में आरक्षण का मुद्दा गरमाया है। हालांकि यह प्रदेश स्तरीय मामला है। चुनाव के दौरान यदि इस बारे में विशेष सत्र बुलाती, विधेयक पारित करती या कोई घोषणा करती है तो क्या उसका असर चुनाव पर होगा? इस बारे में कंगाले ने कहा कि यह प्रदेश नहीं एक विधानसभा का उप चुनाव है। इस बारे जब कुछ होगा तब देखेंगे। किसी की शिकायत आएगी तब जांच करेंगे। दरअसल मनोज मंडावी का 16 अक्टूबर को निधन हो गया था। सीट खाली होने की सूचना विधानसभा सचिवालय ने चुनाव आयोग को दे दी थी। यह सीट कांकेर जिले में है। जिले के जिला पंचायत सीईओ को निर्वाचन अधिकारी बनाया गया है। डिप्टी कलेक्टर सहायक निर्वाचन अधिकारी होंगे। मालूम हो कि गुजरात व हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के नतीजे भी 8 दिसंबर को ही घोषित किए जाएंगे।

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