अब खाद्य आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर भी जांच एजेंसियों के रडार पर, पूछताछ के लिए तलब | Now the Inspector of Food Supplies Department is also on the radar of investigating agencies, summoned for questioning

रिंकू नरवाल, करनालएक घंटा पहले

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मंडी सचिव पवन चौपड़ा को कोर्ट में पेश करती पुलिस की फाइल फोटो। - Dainik Bhaskar

मंडी सचिव पवन चौपड़ा को कोर्ट में पेश करती पुलिस की फाइल फोटो।

हरियाणा के जिले करनाल की जुंडला अनाज मंडी में धान की सरकारी खरीद में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में गिरफ्तार मंडी सचिव पवन चोपड़ा का रिमांड का आज दूसरा दिन था लेकिन पुलिस ने आरोपी को एक दिन पहले अदालत में पेश कर दो दिन और रिमांड पर ले लिया है। पवन चोपड़ा से पुलिस लगातार पूछताछ कर ही है। दूसरी ओर पवन ने जो जो जांच टीम को बताया,इसे वेरीफाई करने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर संदीप व सब-इंस्पेक्टर गौरव को भी अब पूछताछ में शामिल करने की योजना पुलिस बना रही है। दोनो इंस्पेक्टर जुंडला मंडी में धान खरीद में कार्यरत थे। मामला उजागर होने के बाद दोनों को सस्पेंड कर दिया गया था। इधर AFSO जसबीर अवकाश पर चले गए हैं।

मंडी गेट से निकलती ट्रैक्टर ट्रॉलियों की फाईल फोटो।

मंडी गेट से निकलती ट्रैक्टर ट्रॉलियों की फाईल फोटो।

हालांकि अभी तक AFSO की भूमिका की जांच पुलिस नहीं कर रही है। मांग यह भी उठ रही है कि AFSO की जानकारी के बिना 12 करोड़ 77 लाख रुपए की धान की फर्जी खरीद संभव ही नहीं है। इसके बाद भी इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर खाद्य आपूर्ति विभाग अधिकारियों को बचाने की कोशिश कर रहा है।

पुलिस के सामने बड़ा सवाल धान गया कहा?

पुलिस की जांच टीम के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि जुंडला अनाज मंडी के तहत आने वाले चारों राइस मिलों में जो 65 हजार क्विंटल धान कम पाया गया, आखिर यह गया कहा? पुलिस ने जांच में आढ़तियों को भी शामिल किया है। इससे यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि क्या मंडी में से धान की खरीद हुई, या फिर फर्जी तरीके से कागजों में ही खरीद दिखा दी गई। अब जांच टीम के सामने चैलेंज है कि या तो गायब हुआ धान बरामद किया जाए, या फिर इस बात के पुख्ता सबूत जुटाए जाए कि धान खरीदा ही नहीं गया था। यदि ऐसा होता है तो फिर खाद्य आपूर्ति विभाग और आढ़तियों पर भी पुलिस का शिकंजा कस सकता है। क्योंकि तब मामला सिर्फ धान खरीद में अनियमितता का नहीं बल्कि साजिश रच कर सरकारी रकम को खुर्दबुर्द करने का बन सकता है।

जुंडला अनाज मंडी ही नहीं बल्कि असंध अनाज मंडी में भी टीम ने इसी तरह की गड़बड़ी पकड़ी थी। यहां तो राइस मिलर्स के यहां से चावल भी पकड़ा था। इससे यह पता चल रहा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली का चावल जिले में आना शुरू हो गया है। इस मामले की अभी जांच चल रही है।

मंडी में पड़ी धान की फाइल फोटो।

मंडी में पड़ी धान की फाइल फोटो।

करनाल अनाज मंडी का हो चुका है ऑडियो वायरल

इधर करनाल अनाज मंडी में भी इस बार की धान खरीद सवालों के घेरे में हैं। मंडी कमेटी की ओर से गेट पर कार्यरत कर्मचारी का दलाल के साथ बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था। इसमें वह प्रति क्विंटल फर्जी गेट पास काटने के 100 रुपए मांग रहा था। मामला भास्कर ने उठाया तो गेट पर कार्यरत इस अस्थाई कर्मचारी को हटा दिया गया, लेकिन अभी तक न तो मंडी कमेटी, न खाद्य आपूर्ति विभाग और न ही सीएम फ्लाइंग टीम के साथ साथ विजिलेंस ने इस मामले की ओर ध्यान दिया।

अब जिस तरह से जुंडला अनाज मंडी के तत्कालीन सचिव पवन चोपड़ा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, इससे माना जा रहा है कि पुलिस अब जिले में सक्रिय फूड माफिया तक पहुंच कर उसका पर्दाफाश करने का काम करेगी। आज क्योंकि पवन चोपड़ा के रिमांड का अंतिम दिन था तो शुक्रवार को ही दोबारा सेक्रेटरी को अदालत में पेशकर 2 दिन के और रिमांड पर ले लिया। अब लोगों की नजर इस मामले पर टिकी हुई है।

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